जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज फिर चिर परचित अंदाज में राजस्थान में लगाए जा रहे महंगाई राहत कैम्पो के दौरे के दौरान चित्तौडगढ़ में केन्द्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि 9 साल में देश की जनता के दिलो दिमाग पर सत्ता द्वारा की जा रही हिटलर शाही के शासन की छवि अलोकहितकारी सरकार के रूप में छप गई है। गहलोत ने कहा कि लोकहित में मेरी सरकार द्वारा की गई निशुल्क योजनाओं में चिकित्सा, शिक्षा, पशु बीमा, चिरंजीवी योजना, महंगाई राहत कैम्पो में 10 तरह की दी जा रही योजनाओं को रेवडिय़ा बताता है कि केन्द्र सरकार राज्य सरकार की लोकहित में की जा रही कार्यशैली से ऊहापोह की स्थिति में फंस गई है गहलोत ने कहा कि 21 वीं सदी के दौर को हमारी पार्टी के पूर्व प्रधानमंत्रियों द्वारा शुरू की गई देशहितकारी योजनायें देश और जनविकास के रूप में दर्ज हो गई है पर मुझे अफसोस है कि उन योजनाओं का पूर्णतया लाभ उठाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों द्वारा दिए गए देश हित के बलिदान को स्वहित में झूठलाने की झूठी कोशिश कर रहे है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 9 साल के शासन में ही देशभर में अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया है नफरत की राजनीति करने वाली भारतीय जनता पार्टी और उनके वरिष्ठ नेताओं को हमारे नेता राहुल गांधी ने सटीक जवाब दिया है नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने का जिस पर भी भाजपा को आपत्ति हो रही है भाजपा ने नया ट्रेड चलाया है कि उनकी किसी भी योजनाओं को सही दिशा में ले जाने का सजेशन बुरा लगता है और कांग्रेस के 70 साल के शासन को कोसने लगते है जबकि देश जानता है कि मैने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की किसी भी योजना को राज्य के हित में बंद नहीं किया है बल्कि उसको सुधारात्मक संवैधानिक दायरे में लाकर सुचारू रखा है। उन्होने केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई उज्जवला योजना का कटाक्ष में जवाब देते हुए कहा कि गरीबों को फ्री सिलेंडर तो दिए मगर गैस की कीमत इतनी हो गई कि जो गरीब भरा नहीं सके आज मैने महंगाई राहत कैम्प के जरिये उसकी कीमत 500 रूपये कर दी जिसका भी इन्हें बुरा लग रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से 9 साल के शासन को जनता ने देखा और भुगता उसकी तुलना कांग्रेस की पूर्ववर्ती केन्द्र, राज्यों में रही सरकारों से कर रही है जिसका खुलासा हमें महंगाई राहत कैम्पो के दौरान जनता कर रही है कि इससे तो कांग्रेस लाख गुनी अच्छी थी।
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