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महिला दिवस विशेष: महिलायें शोषण व उत्पीड़न पर ना साधे चुप्पी


उरई। विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य में महिला अधिकार सम्मेलन का आयोजन चुर्खी रोड स्थित इन्द्रा पैलेश में परमार्थ समाज सेवी संस्थान द्वारा किया गया। जिसमें तमाम संघर्षों से गुजरकर स्वयं के लिये एक मुकाम बनाने वाली 16 महिलाओं को कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सदर विधायक ने प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। संस्था के निदेशक अनिल सिंह ने अतिथियों का आभार जताते हुए कहा कि आज के युग में नारी ने समाज को अपनी शक्ति का अहसास कराया है यही वजह है कि आज की नारी कमजोर नहीं बल्कि अपने अधिकारों को हासिल करने वाली साबित हुई है।

सदर विधायक गौरी शंकर वर्मा ने बताया कि केन्द्र व प्रदेश सरकार भी महिलाओं विशेष तौर पर बेटियों की शिक्षा के लिये तमाम योजनायें चला रही है इसमें कोई दोराह नहीं है कि आज बेटियां हर क्षेत्र में बेटों से आगे नजर आ रही है। सरकार बेटियों की पढ़ाई से लेकर न सिर्फ उनकी शादी बल्कि उन्हे आत्मनिर्भर बनाने के लिये भी तमाम योजनायें संचालित कर रही है। महिलाओं कों चाहिये कि इन योजनाओं का लाभ उठाकर वे आत्मनिर्भर बने और न सिर्फ अपने परिवार बल्कि समाज में भी अपना बहुमूल्य योगदान दे सके। जिला प्रोवेशन अधिकारी गुलाब सिंह ने बताया कि महिला उत्थान के लिये किये जा रहे प्रयास अब अपना असर भी दिखाने लगे है गांव की अनपढ़ महिलायें भी अब शिक्षा में रूचि ले रही है। बाल विवाह में भी काफी कमी आयी है फिर भी अभी महिलाओं के अधिकारों के लिये जागरूकता की आवश्यकता है और यह जागरूकता स्वयं महिलायें ही ला सकती है।

जिला विकास अधिकारी मिथलेश सचान ने कहा कि महिलायें स्वयं को कभी कमजोर न समझे क्योंकि यही धारणा महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित रखती है। महिलाओं को चाहिये कि वे दृढ़ इच्छा शक्ति से अधिकारों को हासिल करने में आने वाली कठिनाईयों का सामना करें फिर देखें उनके अधिकार उनकी मुट्ठी में होगे।

इस अवसर पर महिला थानाध्यक्ष नीलेश कुमारी ने कहा कि उत्पीड़न व शोषण करने से अधिक गलत बात उसे बर्दाश्त करना है इसलिए महिलाओं को कभी भी अपने साथ हो रहे शोषण व उत्पीड़न पर चुप्पी नहीं साधना चाहिये बल्कि उसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिये। पुलिस महिलाओं के अधिकार दिखाने के लिये सदैव तत्पर है अपने अधिकार पाने के लिये किसी की मदद से अच्छा है कि स्वयं भी आगे बढ़े जिससे सही समय पर अधिकारों की प्राप्ति होती है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. रेनू चन्द्रा ने बताया कि बेटियां अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं होती है उन्हे लगता है कि कोई उनकी परवाह नहीं करेगा यही सोच उनकी सेहत के लिये खतरनाक साबित होती है बेटियों को चाहिये कि वे अपनी तकलीफों को अपनी मां बहिन से सांझा करें ताकि उनकी स्वास्थ्य सम्बंधी तकलीफों को दूर किया जा सकें क्योकि जब एक बेटी या मां स्वस्थ्य होगी तभी उनका परिवार भी स्वस्थ्य रहेगा।

जिला समन्वयक वालिका शिक्षा डॉ. ममता स्वर्णकार ने कहा कि महिलाओं को किसी भी मुश्किल घड़ी में अपना धैर्य नहीं खोना चाहिये। इसके बाद आये हुए अतिथियों ने ग्रामीण क्षेत्र की उन महिलाओं को सम्मानित किया जो अपनी हिम्मत, इच्छा शक्ति और आत्मविश्वास से न सिर्फ स्वयं आत्मनिर्भर बनी बल्कि अन्य महिलाओं को भी अपना जैसा ही आत्मनिर्भर बनने के लिये प्रेरित किया।

इस मौके पर विधि परिवीक्षा अधिकारी संध्या झां, बाल संरक्षण अधिकारी जूली खातून, भूपेन्द्र गुप्ता, विनीता पाण्डेय के साथ परमार्थ समाज सेवी संस्थान से अभिषेक, शिवमंगल सिंह, प्रवीणा यादव, दिनेश कुमार, मयंक कुमार, प्रीति वर्मा, रिचा अवस्थी, संदीप पाण्डेय, रामकरन, प्रभा, महेन्द्र कुमार, रागिनी दीक्षित के साथ माधौगढ़, रामपुरा व डकोर ब्लाक के लगभग 250 महिलाओं ने कार्यक्रम में सहभागिता की।

इससे पूर्व शहर के टाउन हाल से महिला दिवस पर जागरूकता रैली भी निकाली गयी रैली को एआरटीओ सोमलता यादव और खाद्य अभिग्रहित अधिकारी प्रियंका सिंह ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना की। यह रैली शहीद भगत सिंह चैराहा मैन मार्केट, अम्बेडकर चैराहा व जिला परिषद होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची, रैली में महिलायें जोश व उत्साह के भरे नारे लगाते हुए व हाथों में बैनर व नारे लिखी तख्तियां लेकर चल रही थी। 

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