जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के एक शिष्टमंडल ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की। भाजपा के इस शिष्टमंडल ने मुलाकात के दौरान सरकार को कोरोना संकट से निपटने के लिए हर संभव सहयोग के लिए आश्वासन दिया।
बता दें कि मुलाकात के दौरान करीब 21 सुझाव जो भाजपा हेल्प लाइन के जरिए, कार्यकर्ताओं के माध्यम से, जनप्रतिनिधियों के सवाल के जरिए आए, उन सुझावों पर सरकार को अमल करने की राय भी दी गई है।
लॉकडाउन को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन के बावजूद भी कहीं ना कहीं कुछ इस किस्म से ढिलाई नजर आती है, इस पर उन्होंने सख्ती बरते के लिए कहा। दूसरा प्रमुख संकट राशन का है, उसको प्रभावी तरीके से वंचित लोगों तक पहुंचाया जाए, इसकी मॉनिटरिंग हो। कोरोना की जांच के सेंटर बहुत ही कम है, उसको बढ़ाया जाए और जांच निशुल्क की जाए।
पूनिया ने कहा कि अभी बारिश का प्रकोप हुआ और किसानों को बड़ी भारी मात्रा में नुकसान हुआ है। सरकार उसकी गिरदावरी करवाए और जल्द से जल्द एसडीआरएफ के जरिए तुरंत उनकी भरपाई करें, ताकि संकट के समय उनको राहत मिल सके।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन के कारण वैसे तो सभी लोग प्रभावित हुए हैं लेकिन इसका सबसे बड़ा असर दिहाड़ी पर गुजर-बसर करने वाले श्रमिकों, खेतिहर मजदूरों, स्ट्रीट वेंडर्स और कच्ची बस्तियों में रहने वाले गरीबों पर अधिक पड़ा है। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि गरीबों तथा जरूरतमंदों को लॉकडाउन के कारण भूखे नहीं सोना पड़े।
सीएम गहलोत ने कहा कि संकट की इस घड़ी में बेजुबान पशु-पक्षियों को चारा एवं दाना-पानी मिलता रहे। इसके लिए सभी भामाशाह, जनप्रतिनिधि, संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं उदारमना लोग सहयोग करें। उन्होंने कहा कि मूक पशु-पक्षियों के लिए चारे एवं दाने-पानी की व्यवस्था के लिए पशुपालन विभाग के अधिकारियों का राज्य एवं जिला स्तर पर समूह गठित करें। उन्होंने कहा कि हमें मुख्यमंत्री कोविड-19 राहत कोष में सभी प्रदेशवासियों का बढ़-चढ़कर सहयोग मिल रहा है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में गरीब परिवारों को सरकार फूड पैकेट उपलब्ध करा रही है। साथ ही जरूरतमंद परिवारों के लिए 2 हजार करोड़ रूपए का रिलीफ पैकेज घोषित किया गया है। जिन लोगों की रोजी-रोटी लॉकडाउन के कारण तुरंत प्रभावित हुई है उन्हें सरकार प्रति परिवार एक हजार रूपए देगी। इसके लिए 310 करोड़ रूपए जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने दोनों जनप्रतिनिधियों से गरीबों तक राशन एवं अन्य मदद पहुंचाने में सहयोग का आग्रह किया।
चर्चा के दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि अब तक राज्य में 46 रोगी संक्रमित पाए गए हैं। हमने प्रदेश के सभी निजी चिकित्सालयों को भी आपात्कालीन स्थिति में स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए तैयार रहने का आग्रह किया है। मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने अवगत कराया कि लॉकडाउन से आमजन को होने वाली परेशानियों के त्वरित समाधान के लिए राज्य स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों का एक कोर ग्रुप बनाया गया है और राज्य एवं जिला स्तर पर वॉर रूम गठित किए गए हैं जो 24 घंटे कार्यरत हैं साथ ही इसके लिए 181 हैल्पलाइन भी क्रियाशील है।
इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा श्री रोहित कुमार सिंह तथा सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन के कारण वैसे तो सभी लोग प्रभावित हुए हैं लेकिन इसका सबसे बड़ा असर दिहाड़ी पर गुजर-बसर करने वाले श्रमिकों, खेतिहर मजदूरों, स्ट्रीट वेंडर्स और कच्ची बस्तियों में रहने वाले गरीबों पर अधिक पड़ा है। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि गरीबों तथा जरूरतमंदों को लॉकडाउन के कारण भूखे नहीं सोना पड़े।
सीएम गहलोत ने कहा कि संकट की इस घड़ी में बेजुबान पशु-पक्षियों को चारा एवं दाना-पानी मिलता रहे। इसके लिए सभी भामाशाह, जनप्रतिनिधि, संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं उदारमना लोग सहयोग करें। उन्होंने कहा कि मूक पशु-पक्षियों के लिए चारे एवं दाने-पानी की व्यवस्था के लिए पशुपालन विभाग के अधिकारियों का राज्य एवं जिला स्तर पर समूह गठित करें। उन्होंने कहा कि हमें मुख्यमंत्री कोविड-19 राहत कोष में सभी प्रदेशवासियों का बढ़-चढ़कर सहयोग मिल रहा है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में गरीब परिवारों को सरकार फूड पैकेट उपलब्ध करा रही है। साथ ही जरूरतमंद परिवारों के लिए 2 हजार करोड़ रूपए का रिलीफ पैकेज घोषित किया गया है। जिन लोगों की रोजी-रोटी लॉकडाउन के कारण तुरंत प्रभावित हुई है उन्हें सरकार प्रति परिवार एक हजार रूपए देगी। इसके लिए 310 करोड़ रूपए जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने दोनों जनप्रतिनिधियों से गरीबों तक राशन एवं अन्य मदद पहुंचाने में सहयोग का आग्रह किया।
चर्चा के दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि अब तक राज्य में 46 रोगी संक्रमित पाए गए हैं। हमने प्रदेश के सभी निजी चिकित्सालयों को भी आपात्कालीन स्थिति में स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए तैयार रहने का आग्रह किया है। मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने अवगत कराया कि लॉकडाउन से आमजन को होने वाली परेशानियों के त्वरित समाधान के लिए राज्य स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों का एक कोर ग्रुप बनाया गया है और राज्य एवं जिला स्तर पर वॉर रूम गठित किए गए हैं जो 24 घंटे कार्यरत हैं साथ ही इसके लिए 181 हैल्पलाइन भी क्रियाशील है।
इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा श्री रोहित कुमार सिंह तथा सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी भी मौजूद थे।
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