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कोरोना की जंग में 24 घंटे जुटे हैं 108 एम्बुलेंस के कर्मचारी

शाहिद हुसैन...
बाड़मेर। कोरोना वायरस की महामारी से निपटने में प्रदेश में जीवन वाहिनी निशुल्क 108 एवं 104 आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा के करीब 6 हजार कर्मचारी दिन रात मेहनत कर रहे हैं। लाॅकडाउन में कोरोना वॉरियर्स के रूप में मरीजों की जान बचाने के साथ संदिग्ध मरीजों को क्वारेंटाइन में भेजने का जिम्मा भी कर्तव्यनिष्ठा के साथ संपादित कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में जीवीकेईएमआरआई कंपनी राजस्थान सरकार के सहयोग से 24 घंटे निशुल्क 108 एवं 104 जीवन वाहिनी की 1477 एम्बुलेंस का संचालन कर रही है। जीवन वाहिनी सेवा कोरोना संदिग्ध मरीजों को अस्पताल के अलावा मेडिकल कॉलेज में भी भर्ती करवा रहे हैं। एम्बुलेंस स्टाफ पॉजिटिव से निगेटिव आने के बाद वापस मरीजों को घर में छोड़ने जैसे मुश्किल काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं।

जीवन वाहिनी निशुक सेवा 1 मार्च से 18 अप्रैल तक प्रदेश में 13,200 से अधिक कोरोना संदिग्ध मरीजों को अस्पताल छोड़ चुकी है। इस अवधि के दौरान जीवन वाहिनी सेवा कोरोना मरीजों के अतिरिक्त प्रदेश में 1,55,000 से अधिक मरीजों को सेवा दे चुकी है। यह 24 घंटे मुस्तैद रहने के साथ जीवन वाहिनी एम्बुलेंस कोरोना वायरस मरीजों को हायर सेंटर में भी पहुंचा रही है।

गौरतलब है कि जयपुर स्थित जीवन वाहिनी कॉल सेंटर के कर्मचारी भी अपने कर्तव्य का निष्ठा से पालन करते हुए आपातकालीन स्थिति में एम्बुलेंस को डिस्पैच करवा रहे हैं। कुछ लोग आपातकालीन स्थिति नहीं होने पर भी बेवजह 108, 104 पर कॉल कर रहे हैं उन सभी से अपील की जाती है कि सिर्फ आपातकालीन स्थिति में ही 108, 104 पर कॉल करे।

जीवीकेईएमआरआई के स्टेट हैड प्रवीण सावंत का कहना है कि जीवन वाहिनी एम्बुलेंस कर्मचारी फ्रंट लाइन पर कोरोना महामारी से लड़ने के लिए 24 घंटे दिन रात फील्ड में अपना कार्य कर रहे हैं। एम्बुलेंसकर्मी घर परिवार से दूर रहकर सेवाओं में जुटे हुए हैं। सुरक्षा इंतजाम को लेकर कंपनी एवं राजस्थान सरकार संसाधन उपलब्ध करवा रही है।

उन्होंने कोरोना से निपटने के लिए कॉल सेंटर में कार्यरत कार्मिकों, ईएमटी पायलट, चालकों एवं अन्य स्टाफ के साथ राजस्थान सरकार, पुलिस, मीडिया का आभार जताया है। बाड़मेर जिले में 50 एम्बुलेंस सेवाएं दे रही है। इनकी ओर से 1 मार्च से 18 अप्रैल तक 5275 मरीजों को सेवाएं उपलब्ध कराई गई। इसमें 178 कोरोना संदिग्ध तथा 5097 अन्य मरीज शामिल हैं।

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