जयपुर। होम्योपैथी के जनक डाॅ. हैनीमेन की 265वीं जयंती पर होम्योपैथी विश्वविद्यालय, सायपुरा सांगानेर के प्रांगण में मनाई गई। होम्योपैथी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डाॅ. तारकेश्वर जैन ने बताया की राज्य में कोरोना वायरस महामारी को देखते हुये हैनीमेन जयंती का आयोजन बहुत ही सादगी से किया गया।
उन्होंने बताया कि इसमें विश्वविद्यालय के मुख्य अधिकारी जिनमें विश्वविद्यालय अध्यक्ष-डाॅ. सी. नायक, रजिस्ट्रार डाॅ. तारकेश्वर जैन, विश्वविद्यालय के संगठक काॅलेज डाॅ. एमपीके होम्योपैथिक मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य, डाॅ. अतुल कुमार सिंह एवं विश्वविद्यालय के सीई, डाॅ. मोहन शर्मा मौजूद रहे तो वहीं कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुये कार्यक्रम में सोशल डिस्टेन्सिंग का पूरा ध्यान रखा गया।
उल्लेखनीय है कि होम्योपैथी के जनक डाॅ. हैनीमेन का जन्म सन् 1755 में जर्मनी में एक छोटे से गांव के एक गरीब परिवार में हुआ था। इसके बावजूद अपने तीक्ष्ण बुद्विबल, लग्न एवं अथक प्रयासों से वे एलोपैथी के एमडी उपाधि धारक चिकित्सक बने।
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