रमेश शर्मा...
जैसलमेर। स्वर्ण नगरी जैसलमेर का नाम पर्यटन क्षेत्र में प्रसिद्ध होने के साथ ही विश्व में भी स्वर्ण नगरी का नाम है। वर्ष भर देशी विदेशी सैलानियों का मेला सा लगा रहता है, बावजूद इसके कोरोना जैसी वैश्चिक महामारी ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया। वहीं पश्चिमी राजस्थान का जैसलमेर जिला अभी तक इस महामारी से कांफी दूर है। भले ही यहां पर कोरोना संक्रमित मरीजों का ईलाज भी क्यों ना चल रहा है लेकिन जिले का हर एक नागरिक सुरक्षित है और अपने घरों में है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि यहां के जिला कलेक्टर नमित मेहता की सजगता जो कि 24 घंटे पल पल खबरों व व्यवस्थाओं पर मॉनिटरिंग कर नजर रखे हुए हैं।
जैसे ही कोरोना संक्रमण के फैलने की सूचना देश में पहुंची तो राजस्थान की सरकार सजग हो गई और इसके साथ ही जैसलमेर जिला कलेक्टर नमित मेहता व पुलिस अधीक्षक किरण कंग ने भी पूरी सतर्कता से अपनी भूमिका का निर्वाहन करना शुरू कर दिया जिला प्रशासन की ओर से सभी होटल्स और वहां के कर्मचारियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई वहीं खाकी की तैनाती भी मजबूत की गई।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 22 मार्च को "जनता कर्फ्यू" का एलान भी एक चुनौती बन गया हालांकि इस दिन जैसलमेर की जनता ने देश के मुखिया के निर्देश को मानते हुए "जनता कर्फ्यू" का पालन किया, लेकिन परेशानी तो उसके बाद आई जब 21 दिन का 'लॉकडाउन' कर दिया गया। ऐसे में पुलिस के सभी जवानों को दिन रात सड़कों पर खड़े रहने के आदेश के साथ ही जनता से समझाइश कर वापस घर भेजने की गुजारिश की गई। जब से कोरोना जैसी महामारी भारत में फैली है जैसलमेर की जनता भी खौफजदा है। खाने-पीने की वस्तुओं के लिए मारामारी चल रही है। ऐसे में जैसलमेर प्रशासन और पुलिस सभी जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाने के साथ ही वह सामान भी आमजन और खुद की भागीदारी से उन तक पहुंचा रही है, जो इस समय में उनके लिए काफी जरूरी है।
इतना ही नहीं जिले के हर जवान इस मुहिम में लगे हुए हैं कि उनके इलाके में कोई भूखा ना सोए, गली-कुचों तक पुलिस का गश्ती दल जाकर घरों में रहने की अपील के साथ ही जरुरतमंदों को खाने के साथ ही राशन सामग्री भी पहुंचा रहा है, जो प्रशासन व पुलिस की अच्छी छवि को सामने लाने के साथ ही मिसाल भी बन रहा है।
बता दें कि 21 दिन के लाॅक डाउन के दौरान जहां पूरे राजस्थान की सीमाए अंदर और बाहर से सील कर दी गई हैं वहीं जैसलमेर जिले में भी हर चप्पे-चप्पे पर नाकाबंदी कर दी गई। बहुत ज्यादा जरूरी हो तो ही वाहनधारियों को प्रवेश दिया जा रहा है वरना फिर से भेजा जा रहा है। नाकाबंदी पर तैनात जवानों की माने तो वह दिन रात यहीं पर अपनी ड्यूटी निभाना चाहते हैं क्यूंकि भय तो उनके मन में भी है यह वायरस छुने मात्र से फेल रहा है तो उनका डरना भी लाजमी हैं।
जनता की हर छोटी से छोटी शिकायत पर जिला कलेक्टर अमल करते हुए उसके निवारण में जुटे हुए हैं। भले ही राशन की कालाबाजारी हो, गली-कूचों मेें हो रही भीड़-भाड़ की शिकायत हो या बिना स्वीकृति के दुकानों का खुलना हो। हर शिकायत पर तुरन्त कार्रवाई होती है। पुलिस के जवान बार-बार घुमकर स्पीकर पर सभी को हिदायत देते दिखाई दे रहे हैं। जिनमें 'घरों में रहें, बाहर न निकले, लाॅकडाउन की पालना करें। पुलिस आपकी हर मदद को तैयार हैं। हमें बताएं पर घर में रहकर ही बताएं, हम पहुंचाएंगे आप तक हर जरूरत की सामग्री आदि शामिल है।
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