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जलदायकर्मियों को स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल करने की मांग, मुख्यमंत्री को लिखा पत्र


देवेंद्र शर्मा...
जयपुर। वैश्विक महामारी कोविड19 के प्रकोप के चलते आम जनता को महामारी से बचाने के लिए प्रदेश में लॉकडाउन घोषित है। महामारी को देखते हुये सरकार द्वारा आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारी, अधिकारी, संविदाकर्मी, पुलिसकर्मी व डॉक्टर सहित अन्य विभागों के कर्मचारी जो अतिआवश्यक सेवाओं से जुड़े हुए हैं उन कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान आकस्मिक मृत्यु होने पर राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 50 लाख रुपये उनके परिजनों को देने की घोषणा की है लेकिन जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कर्मचारियों, अधिकारियों, संविदाकर्मियों को स्वास्थ्य बीमा योजना से दूर रखा गया है।

जिसके चलते राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह यादव ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर जलदाय विभाग में अधिकारी कर्मचारी व संविदाकर्मी जो कि कोरोना महामारी के दौरान कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों में वॉल्व खोलने, लाइन लिकेज दुरुस्त करने व जयपुर शहर की जनता को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने हेतु पंप चालक, फीटर, वॉल्व मैन नियमित रूप से अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

बता दें कि शहर के कर्फ्यूग्रस्त रामगंज बाजार व परकोटे के अंदर करीब 150 से भी अधिक सप्लाई वॉल्व ऑपरेट करने पड़ते हैं अपनी जान जोखिम में डालकर कर्मचारी अधिकारी व संविदाकर्मी सम्पूर्ण राजस्थान में अपने कार्य को इमानदारी से पूर्ण कर रहे हैं फिर भी ऐसे में जलदाय कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा योजना से वंचित रखकर मनोबल कमजोर करने जैसा है।

संघ के प्रदेश प्रवक्ता बाबूलाल शर्मा एवं प्रदेश कोषाध्यक्ष मोहनलाल शर्मा ने भी मुख्यमंत्री गहलोत से मांग की है कि अन्य विभागों की तरह जो अतिआवश्यक सेवा में रहकर कार्य कर रहे हैं वैसे ही जलदाय विभाग को भी अतिआवश्यक सेवाओं में आते हैं और अपना कार्य ईमानदारी से कर रहे हैं इन कर्मचारियों की भी जो 30 से 50% की  वेतन स्थगन आदेश निरस्त करने के साथ ही जलदाय कर्मचारी अधिकारियों को भी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ देने की मांग की।

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