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लॉकडाउन: वेदना नहीं सुनने पर चिकित्साकर्मियों ने दी कार्य बहिष्कार की चेतावनी

मुकेश कुमार शर्मा...
ब्यावर। मंगलवार को चिकित्सालय प्रशासन और तहसील व उपंखड प्रशासन के बीच असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई। प्रशासन के बार बार के फरमान के चलते चिकित्सालय कर्मियों ने अपना दर्द बयां किया। चिकित्साकर्मियों ने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए तहसील उपखंड प्रशासन के मुखिया के खिलाफ आक्रोश प्रकट किया।

कर्मियों ने मांग उठाई कि उनके द्वारा दिये जाने वाले बार बार के आदेश के चलते वो कोविड 19 के अतिआवश्यक कार्य नहीं कर पा रहे हैं। होम आईसोलेशन सहित अन्य व्यवस्थाओं हेतु वो लगातार अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं ऐसे में हर रोज अलग अलग आदेश निकालकर उनको बेवजह परेशान किया जा रहा है।

ऐसे मे सभी चिकित्साकर्मी पीएमओ आलोक श्रीवास्तव के नेतृत्व में उपखंड कार्यालय पहुंचे और अपनी पीड़ा एसडीएम के समक्ष रखने का प्रयास किया लेकिन एसडीम द्धारा कक्ष से बाहर आकर नहीं मिलने के कारण चिकित्सालयकर्मी आक्रोशित हो गए। उन्होंने अंदर जाने के बजाय एसडीएम को बाहर आकर उनकी समस्या सुनने को कहां। ऐसे में चिकित्सालय स्टाफ से बात करने हेतु तहसीलदार कक्ष से बाहर उनकी समस्या सुनने आए लेकिन विरोध के चलते चिकित्सालयकर्मियों ने तहसीलदार पर अपशब्दों का प्रयोग करने का आरोप लगाया। तहसीलदार और एसडीएम द्वारा चिकित्साकर्मियों का ज्ञापन नहीं स्वीकार करने पर चिकित्सालय प्रशासन द्वारा पुलिस को शिकायत दी गई।

चिकित्सालय कर्मियों ने बताया कि एसडीएम से पूर्व में ही मुलाकात का समय लिया गया था लेकिन हठधर्मिता के चलते एसडीएम ने उनसे मुलाकात नहीं की। उनका कहना था कि बाहर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के साथ मिला जा सकता था लेकिन उनकी मांगों को नजर अंदाज कर तहसीलदार द्वारा भी महिला चिकित्सकों के सामने अभद्र व्यवहार किया गया। सभी ने रोष प्रकट कर जल्द सामंजस्य बैठाकर उनकी वेदना नहीं सुनने पर कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है।

उधर एसडीएम ने चिकित्सालय प्रशासन पर आरोप लगाया कि बैठक में तय होने के बावजूद अति आवश्यक जानकारी 30 मार्च से मांगी जा रही है लेकिन चिकित्सालय प्रशासन लापरवाही बरत रहा है। अन्य जानकारी व्यवस्था हेतु आवश्यक है लेकिन अभी तक उपलब्ध नहीं करवाई गई।

उधर सीओ हीरालाल सैनी ने भी अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया कि पुलिस को संसाधन उपलब्ध नहीं करवाए गए और क्वारेंटाइन सेंटर में भोजन पहुंचाने हेतु भी पुलिस को बाध्य किया गया जबकि वो कार्य पुलिस का नहीं है। तहसीलदार ने बताया कि होम आईसोलेशन पर भी गिरदावर द्वारा ही भोजन पहुंचाया जाता है जबकि उनके पास सुरक्षा हेतु पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं है।

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