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राजस्थान: सार्वजनिक स्थानों पर थूंका तो भरना पड़ेगा जुर्माना या​ फिर होगी जेल


देवेंद्र शर्मा...
जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह ने शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी कर कोविड-19 के संक्रमण को रोकने व आमजन के स्वास्थ्य व सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए व्यापक लोकहित में राजस्थान ऐपिडेमिक डिजीजेज एक्ट, 1957 की धारा (2) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए थूंक या पान व अन्य चबाये जाने वाले तम्बाकू व गैर तम्बाकू उत्पादों के खाने के बाद पीक को सार्वजनिक स्थानों व संस्थानों में थूकंने पर तुरन्त प्रभाव से रोक लगा दी है।

बता दें कि इन आदेशों की अवहेलना की स्थिति में संबंधित के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत दण्डात्मक कार्रवाई अमल में लाई जावेगी।

उल्लेखनीय है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी में व्यक्तिगत, पारिवारिक व सामाजिक स्तर पर स्वच्छता व साफ-सफाई की महत्ता को प्रमुख रूप से रेखांकित किया है। सामान्य तौर पर यह देखने में आता है कि आमजन द्वारा थूंक व पान या अन्य चबाये जाने वाले तम्बाकू व गैर तम्बाकू उत्पादों को खाने के बाद पीक को सार्वजनिक स्थानों पर यहां-वहां थूंक दिया जाता है, जिससे कोविड-19 के संक्रमण के फैलने की आंशका रहती है। इस संक्रमण को रोकने हेतु आमजन की इन अस्वास्थ्यकारी आदतों पर सख्ती से प्रतिबन्ध लगाना आवश्यक हो गया था।

आप भी जानें भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के बारे में:-
इस सेक्शन 188 को ना मानने वालों पर एक माह के साधारण कारावास या जुर्माना या जुर्माने के साथ कारावास की सजा दोनों हो सकते हैं। यह जुर्माना 200 रुपये तक हो सकता है। यही नहीं, अगर ये अवज्ञा मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा के लिए खतरे का कारण बनती है, या दंगे का कारण बनती है। तब ये सजा छह महीने के कारावास या 1000 रुपये जुर्माना हो सकती है या दोनों चीजें एक साथ हो सकती हैं।

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