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नए हॉटस्पॉट का बनना हमारी तपस्या को और चुनौती देगा-पीएम मोदी


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कोरोना वायरस को सोशल डिस्टेन्सिंग से हराने के लिए पूर्व में की गई लॉकडाउन घोषणा की आज आखिरी तारीख 14 अप्रैल को देश को सम्बोधित करते हुए फिर एक बार लॉकडाउन पद्धति को कोरोना वायरस हराने में कारगर तरीका मानते हुए फिर एक बार 11 अप्रेल को राज्यों के मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन लागू रखने हटाने पर सुझावों पर चर्चा की थी। उस चर्चा के प्रतिउत्तर में प्रधानमंत्री ने आज 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा कर दी।

उन्होने देश की जनता को पूर्णतया लॉकडाउन सफल रहने की बधाई देते हुए कहा कि आप लोग त्यौहार बड़ी सादगी पूर्ण तरीके से मना रहे है ये सारी बाते प्रेरक है नए वर्ष पर आपके  परिवारजन के उत्तम स्वास्थ्य की मंगल कामना करता हूं आज पूरे विश्व में कोरोना वैश्विक महामारी की जो स्थिति है हम सब उसे भलीभांति परिचित है अन्य देशो के मुकाबले भारत ने कैसे अपने यहां संक्रमण को रोकने के प्रयास किए। भारत ने कोरोना प्रभावित देशो से आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग पहले ही शुरू कर दी कोरोना के मरीज 100 तक पहुंचे उससे पहले ही भारत ने यात्री के 14 दिन का आईसोलेशन अनिवार्य कर दिया था अनेक जगहों पर मॉल, हो थियेटर क्लब हो बंद कर दिए थे हमारे यहां कोरोना के सिर्फ 550 केस थे तभी भारत ने 21 दिन के सम्पूर्ण लॉकडाउन का एक बहुत बड़ा कदम उठा लिया था।

भारत ने समस्या बढने का इंतजार नहीं किया जैसे ही समस्या दिखी उसे तेजी से फैसले लेकर उसी समय रोकने का भरसक प्रयास किया साथियों वैसे एक ऐसा संकट है जिसमें किसी भी देश के साथ तुलना करना उचित नहीं है फिर भी कुछ सच्चाईयों को हम नकार नहीं सकते यह भी एक सच्चाई है कि अगर दुनिया के बडे बडे सामर्थवान देशों में कोरोना से जुडे आंकडे देखे तो उनकी तुलना में आज भारत सभंली हुई स्थिति में है, महीना डेढ महीना पहले कई देश कोरोना संक्रमण के मामले में एक प्रकार से भारत के बराबर खडे है आज उन  देशो में भारत की तुलना में कोरोना की केसेज 25 से 30 गुना ज्यादा बढ गए हैं उन देशो में हजारों लोगों की दुखद मृत्यु हो चुकी है।

भारत ने इंटीग्रेटड एपोच ना अपनाई होती तो समय पर तेज फैसले ना लिए होते तो आज भारत की स्थिति क्या होती इसकी कल्पना करते ही रोगटे खडे हो जाते है लेकिन बीते दिनों के अनुभवों से यह साफ है कि हमने जो रास्ता चुना है आज की स्थिति में वहीं हमारे लिए सही है सोशल डिस्टेन्सिंग और लॉकडाउन का बहुत बड़ा लाभ देश को मिला है अगर सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखे ये महंगा जरूर पड़ा है बहुत बडी कीमत चुकानी पडी है लेकिन भारत वासियों की जिन्दगी के आगे इसकी तुलना नहीं हो सकती सीमित संसाधनो के बीच भारत जिस मार्ग पर चला है उस मार्ग की चर्चा दुनिया में बहुत कम है।

उन्होंने कहा कि देश की राज्य सरकारों ने भी स्थानीय स्वराज संस्थाओं की इकाईयों ने भी इसमें बहुत जिम्मेदारी के साथ काम किया है 24 घंटे हर किसी ने अपना जिम्मा संभालने के लिए प्रयास किया है और हालत को संभाला भी है लेकिन साथियों इन सब प्रयासों के बीच कोरोना जिस तरह फैल रहा है उसने विश्व भर में हेल्थ एक्सर्ट और सरकारो को और ज्यादा सतर्क कर दिया है।

भारत में भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई अब आगे कैसे बड़े हम विजयी कैसे हो हमारे यहां नुकसान कम से कम कैसे हो लोगों की दिक्कत कम कैसे करें, इन बातों को लेकर राज्यों के साथ निरंतर चर्चाएं की है और इन सभी चर्चाओं में एक बात उभरकर आती है हर किसी का यही सुझाव आता है नागरिकों की तरफ से की लॉकडाउन को बढ़ाया जायें, कई राज्य तो पहले से ही लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला कर चुके है साथियों सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए तय किया है कि भारत में लॉकडाउन को 3 मई तक ओर बढ़ाना पडेगा यानि 3 मई तक हम सभी को हर देशवासी को लॉकडाउन में ही रहना होगा।

इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है जैसे हम करते आ रहे है मेरी सभी देशवासियों से ये प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है। स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है तो ये हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए कहीं पर भी कोरोना से एक भी मरीज की दुखद मृत्यु होती है तो हमारी चिंता ओर बढनी चाहिए और इसलिए हमे हॉटस्पॉट को इंगित करके पहले से भी ज्यादा बहुत ज्यादा सतर्कता बरतनी ही होगी जिन स्थानों के हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका है उस पर भी में कड़ी नजर रखनी होगी कठोर कदम उठाने होंगे नए हॉटस्पॉट का बनना हमारे परिश्रम और हमारी तपस्या को और चुनौती देगा। नए संकट पैदा करेगा इसलिए अगले एक सप्ताह में कोंरोना के खिलाफ लडाई में कठोरता और ज्यादा बढाई जायेगी 20 अप्रेल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले, हर राज्य को बड़ी बारीकी से परखा जायेगा वहां लॉकडाउन का कितना पालन हो रहा है उस क्षेत्र ने कोरोना से खुद को कितना बचाया है इसका मूल्यकांन लगातार किया जायेगा।

जो क्षेत्र इस अग्नि परीक्षा में सफल होंगे जो अपने यहा हॉटस्पॉट नहीं बनने देंगे और जिनके हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका कम होगी वहां पर 20 अप्रेल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है। लेकिन याद रखे ये अनुमति सशर्त होगी बाहर निकलने के नियम सख्त होगे लॉकडाउन के नियम अगर छूटते है और कोरोना का पैर हमारे इलाके में पडता है तो सरकारी अनुमति तुरंत वापसी ले ली जायेगी और इसलिए न खुद कोई लापरवाही करनी है और न ही किसी और को लापरवाही करने देना है। मेरे देशवासियों कल इस बारे में सरकार की तरफ से एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की जायेगी साथियों 20 अप्रैल से किन्ही क्षेत्रों में सीमित छूट का प्रावधान हमारे गरीब भाई बहिनो की आजीविका को ध्यान में रखते हुए दिया जो रोज कमाते है रोज की जरूरतो को पूरा करते है वही मेरा वृहद परिवार मेरी सर्वोच्य प्राथमिकता इनके जीवन में आई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के माध्यम से सरकार ने उनकी मदद करने का हर सम्भव प्रयास किया है।

अब नई गाइड लाइन बनाते समय भी उन हितों का पूरा ध्यान रखा गया है इस समय रवि फसल की कटाई का काम जारी है केन्द्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर प्रयास कर रही है की किसानों को कम से कम दिक्कत हो देश में दवा से लेकर राशन तक पर्याप्त भंडार है। सप्लाई चेन की बाधायें लगातार दूर की जा रही है खेल इंन्फास्टक्चर मोड पर भी तेजी से आगे बढ रहे है जहां सिर्फ एक लेब भी वहीं अब 220 से ज्यादा लैब पेस्टिंग का कार्य कर रही है विश्व अनुभव यह कहता है कि कोरोना के 10 हजार मरीज होने पर 1500 और 1600 बेड की जरूरत होती है पर भारत में हम 1 लाख बैड की आवश्यकता कर चुके है 600 से अधिक ऐसे अस्पताल है जो सिर्फ कोविड-19 के ईलाज के लिए काम कर रहे है।

इन सुविधाओं को और तेजी से बढ़ाया जा रहा है आज भारत के पास भले सीमित संसाधन हो लेकिन मेरा भारत के युवा वैज्ञानिकों से विशेष आग्रह है कि विश्व कल्याण के लिए मानव कल्याण के लिए मेरे नौजवान साथियों आगे आये कोरोना की वैक्सीन बनाने का मेरे देश के नौजवान वैज्ञानिक बीड़ा उठाये हम धैर्य बनाकर रखेंगे नियमों का पालन करेंगे तो कोरोना जैसी महामारी को भी परास्त करके ही रहेंगे।

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