वैश्विक महामारी कोरोना के चलते एक ओर जहां प्रवासी मजदूर इस संकट की घड़ी में अपने दिन काटने को मजबूर हैं तो वहीं इस संकट के समय में राजनीति भी परवान चढ़ कर बोल रही है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच श्रमिकों को अपनी ओर खिंचने के चलते जुबानी जंग देखने को मिल रही है।
बता दें कि सोमवार को यूपी के गाजियाबाद में एकाएक मजदूरों की भीड़ उमड़ गई जिसको लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को घेरते हुये भीड़ का वीडियो अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंड पर शेयर करते हुये लिखा— 'प्रवासी मजदूरों की भारी संख्या घर जाने के लिए गाजियाबाद के रामलीला मैदान में जुटी है। यूपी सरकार से कोई व्यवस्था ढंग से नहीं हो पाती। यदि एक महीने पहले इसी व्यवस्था को सुचारू रूप से किया जाता तो श्रमिकों को इतनी परेशानी नहीं झेलनी पड़ती। कल हमने 1000 बसों का सहयोग देने की बात की, बसों को उप्र बॉर्डर पर लाकर खड़ा किया तो यूपी सरकार को राजनीति सूझती रही और हमें परमिशन तक नहीं दी। विपदा के मारे लोगों को कोई सहूलियत देने के लिए सरकार न तो तैयार है और कोई मदद दे तो उससे इंकार है।'
प्रियंका गांधी वाड्रा की बातों का जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से आधिकारिक सोशल मीडिया के अकाउंट से एक के बाद एक कुछ सवाल पूछते हुए लिखा—'क्या कांग्रेस ओरैया जिले में हुई दुर्घटना की जिम्मेदारी लेगी? लिखा कि प्रियंका गांधी वाड्रा जी कहती हैं कि उनके पास 1000 बसें हैं। यह और बात है कि अब तक इन बसों की सूची तक उपलब्ध नहीं कराई गई, न ही हमारे साथियों की। बसों और हमारे साथियों की सूची उपलब्ध करा दी जाए, जिससे उनके कार्य ट्विटर नहीं धरातल पर दिखें। देशभर में जितनी भी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चल रही है उनमें से आधी से ज्यादा ट्रेनें उत्तर प्रदेश ही आईं है। अगर प्रियंका वाड्रा जी को हमारी इतनी ही चिंता है तो वो हमारे बाकी साथियों को भी ट्रेनों से ही सुरक्षित भेजने का इंतजाम कांग्रेस शासित राज्यों से क्यों नहीं करा रहीं?'
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