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आवागमन में हेल्थ प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना की जाये- CM गहलोत

लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के दौरान प्रदेशवासियों की व्यावहारिक दिक्कतोें को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने लगातार कदम उठाए हैं। इसी के चलते श्रमिकों, प्रवासियों की परेशानियों एवं व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन में आवश्यकतानुसार छूट दी गई है।

लेकिन साथ ही में सरकार इस आवागमन से बढ़ते हुए कोरोना पॉजिटिव केसेज के बारे में भी पूर्णतया सजग है। सरकार आने वाले समय में नियमित हवाई और रेल आवागमन के और खुलने से होने वाले संभावित संक्रमण के बारे में भी सतर्क है। इसलिए राजस्थान में आने वाले समय में भी क्वारंटाइन सहित स्वास्थ्य संबंधी सभी प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना की जाएगी। 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रवासियों/श्रमिकों के आवागमन से बढ़ी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार की ओर से एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वाले यात्रियों के लिए क्वारंटाइन के नियम में छूट देने के बावजूद राजस्थान में सभी के लिए 14 दिन तक क्वारंटाइन में रहने के नियम की पूरी पालना की जायेगी। उन्होंने कहा कि जो यात्री केवल कुछ दिनों के लिए राजस्थान में रूकेंगे उनके लिए यहां आने से पहले या यहां पहुंचते ही आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाना अनिवार्य होगा। ऎसे व्यक्ति को टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने तक क्वारंटाइन में रहना होगा।

उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों के दौरान राजस्थान में बाहर से आए 10 लाख से अधिक प्रवासी आए हैं, उनमें से लगभग 1600 संक्रमित पाये गए हैं। इन प्रवासियों में से 50 प्रतिशत से अधिक लोगों की क्वारंटाइन अवधि पूर्ण नहीं हुई है। इन परिस्थितियों में स्थानीय निवासियों और आगंतुकों सहित सभी की सुरक्षा के लिए आवश्यक है कि स्वास्थ्य प्रोटोकॉल की पालना सख्ती से की जाए। 

सीएम गहलोत ने कहा कि प्रवासियों और उनके परिजनों की सहूलियत के लिए राज्य सरकार होम क्वारंटाइन को प्राथमिकता दे रही है। लेकिन होम क्वारंटाइन की सुविधा नहीं होने पर राज्य सरकार ने गांव स्तर तक संस्थागत क्वारंटाइन की पुख्ता व्यवस्था की है। उन्होंने हवाई, रेल, और सड़क मार्ग से राजस्थान आने वाले सभी आगंतुकों से अपील की है कि वे राजस्थान सरकार के ई-मित्र पोर्टल पर ऑनलाईन पंजीकरण करवाकर ही मोबाइल नम्बर सहित आवश्यक सूचनाएं दर्ज करवाएं। इससे व्यक्ति के कोरोना से संक्रमित होने अथवा लक्षण दिखाई देने पर उसके स्वास्थ्य जांच एवं इलाज के लिए समुचित व्यवस्था की जा सकेगी। 

बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अति. मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, अति. मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा रोहित कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण वीनू गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी अभय कुमार तथा सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

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