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मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा-"श्रमिकों का पैदल चलना पीड़ादायक, व्यवस्थाओं के लिए SDM होंगे जिम्मेदार"

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रवासी मजदूरों का पैदल अपने गंतव्य के लिए रवाना होना अत्यंत पीड़ादायक है। राज्य सरकार वे सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेगी, जिनसे इन श्रमिकों को घर जाने के लिए पैदल चलने की पीड़ा नहीं झेलनी पडे़। उन्होंने इसके लिए सभी जिला कलेक्टरों को तत्काल प्रभाव से तमाम आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा है कि ऐसे श्रमिकों के लिए विशेष शिविर खोले जाएं और इन शिविरों में भोजन, पेयजल एवं शौचालय सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं। इन व्यवस्थाओं के लिए उपखण्ड अधिकारी जिम्मेदार होंगे। सीएम गहलोत ने रोडवेज के प्रबंध निदेशक को निर्देश दिए हैं कि वे जिला कलेक्टरों की मांग के अनुरूप बसें उपलब्ध कराएं ताकि इनके माध्यम से श्रमिकों को आसानी से निर्धारित स्थान तक पहुंचाया जा सके।

उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर यह भी सुनिश्चित करें कि महत्वपूर्ण मार्गों वाले उपखण्ड अधिकारी के पास मांग के अनुरूप बसें उपलब्ध हों। उपखण्ड अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी श्रमिक सड़क पर पैदल यात्रा नहीं करें। वे इसके लिए निगरानी करवाएंगे जिसमें पुलिस उपाधीक्षक उनका सहयोग करेंगे।

सीएम गहलोत ने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे संवेदनशीलता के साथ इन श्रमिकों की मांग के अनुरूप रोडवेज बसों और विशेष टे्रनों की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उत्तरप्रदेश जाने वाले पैदल श्रमिकों की अधिक संख्या को देखते हुए जयपुर, दौसा एवं भरतपुर जिला कलेक्टर रोडवेज बसों के जरिए इन श्रमिकों को भरतपुर स्थित कैम्प में भिजवाएं। बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखण्ड जाने वाले श्रमिकों को रेल द्वारा भेजे जाने के लिए तत्परता से व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री गहलोत ने जिला पुलिस अधीक्षकों को भी यह निर्देश दिए हैं कि पुलिस चैक पोस्ट से गुजरने वाले पैदल श्रमिकों को पुलिसकर्मी धैर्य के साथ समझाएं और नजदीकी शिविर में भेजें। उन्होंने कहा कि अनुमति देने वाले राज्यों के श्रमिकों को अंतरराज्यीय सीमा तक छोड़ने के लिए मांग के आधार पर बसें उपलब्ध करवाई जाएं, जिनमें यात्रा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और स्क्रीनिंग के नियम की प्रभावी रूप से पालना की जाए। 

जिला कलेक्टरों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि 500 किलोमीटर से अधिक दूरी पर जाने वाले श्रमिकों को रेल से भेजने के लिए उनकी सूचियां तैयार कर परिवहन आयुक्त को उपलब्ध कराएं ताकि वे टे्रनों के लिए उचित समन्वय कर सकें। साथ ही, वे यह भी सुनिश्चित करें कि निर्धारित अन्तर्राज्यीय यात्रा पास अथवा अनापत्ति प्रमाण पत्र से सम्बन्धित कोई भी प्रकरण लम्बित नहीं रहे। 

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