भारत और चीन के बीच बीते कुछ वर्षों में तनाव बढ़ाने वाली कई घटनाएं सामने आई हैं लेकिन डोकलाम के बाद लद्दाख इलाके में चल रहे विवाद ने तनाव को चरम पर पहुंचाया है। सूत्रों का कहना है कि समय कितना भी लगे लेकिन दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के बीच बीते कुछ वर्षों में बनी सहमति विवाद को निपटाने का प्रमुख आधार है।
सूत्रों का यह भी कहना है कि मोदी-जिनपिंग केमिस्ट्री से विवाद सुलझ सकता है। वुहान और महाबलीपुरम की अनौपचारिक बैठकों में तय हुआ था कि दोनों देश विवाद को तय नीतियों के तहत निपटाएंगे। इसी के जरिए सीमा पर तनाव कम करने की कोशिश भी हो रही है।
गौरतलब है कि विदेश मंत्रालय ने परस्पर बातचीत में शांति व स्थिरता के लिए दोनों देशों में पूर्व में हुए समझौतों को आधार बनाया है। भारतीय सेना के जवानों को फिंगर-4 से आगे जाने नहीं दे रहे हैं। भारत की मांग है कि चीनी सेना वापस चली जाए।
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