पंजाब नेशनल बैंक की संपत्तियां भगोडे़ आर्थिक अपराधी अधिनियम के अंतर्गत हितधारक पक्षों द्वारा दावा की गई संपत्तियों की सूची से बाहर कर दी गई। इससे वे सक्षम अदालत, प्राधिकरण या न्यायाधिकरण के समक्ष विधि द्वारा निर्धारित तरीके से अपने दावे करने के हकदार होंगे।
प्रवर्तन निदेशालय ने करीब 14 हजार करोड़ रुपए मूल्य की संपत्तियों की सूची तैयार की थी। इन संपत्तियों के बारे में बैंक ने दावा किया था कि वे आपराधिक राशि से खरीदी गई थी, इसलिए जब्त की जानी चाहिए। इनमें कुछ चित्रकारियां, 8 कारें और अन्य कीमती सामान शामिल हैं।
बैंक के अनुसार ये संपत्तियां समुद्र महल स्थित नीरव मोदी के आवास से बरामद की गई थी। आयकर विभाग द्वारा बरामद की गई चित्रकारियों की बिक्री के लिए भी अदालत में अर्जी दाखिल की गई थी।
बता दें कि इससे पहले अदालत ने नीरव मोदी की वह अर्जी खारिज कर दी थी जिसमें उसकी ओर से संपत्तियां जब्त करने की कार्रवाई रोकने की मांग की गई थी।
न्यायाधीश ने कहा कि इस प्रक्रिया के बाद ये संपत्तियां संबद्ध कानून की धारा 12 (2) और धारा 8 के अंतर्गत केन्द्र सरकार के अधीन समझी जाएंगी। दो वर्ष पूर्व लागू किए गए इस कानून के अंतर्गत संपत्ति जब्त करने का यह देश में अपने तरह का पहला आदेश है।d.d.
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