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सरकारी और निजी अस्पताल मिलकर आपसी सहयोग से करें कोरोना महामारी से मुकाबला- मुख्य सचिव


राजस्थान के मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि मानवता पर आए संकट कोरोना वैश्विक महामारी से निजात पाने के लिए निजी अस्पताल खुले मन और दिमाग से आगे आकर सहयोग करें। उन्होंने कहा कि सरकारी और निजी अस्पतालों के सामुहिक प्रयासों से हम इस महामारी को हरा सकते हैं। 

बता दें कि मुख्य सचिव ने सोमवार को शासन सचिवालय में वीसी के माध्यम से अस्पतालों सरकारी और निजी अस्पतालों के अधिकारियों तथा चिकित्सकों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने प्रदेश में कोविड प्रबंधन के तहत कोरोना संक्रमण की दर, सेम्पल टेस्टिंग की स्थिति, कोरोना से मृत्यु, अस्पतालों में बेड की स्थिति, दवाइयों की उपलब्धता तथा वेक्सीनेशन के बारे में जानकारी ली।

उन्होंने निजी क्षेत्र के अस्पतालों से कोरोना संक्रमितों के लिए आरक्षित बेड की संख्या आवश्यकता अनुसार 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने के लिए भी कहा।  श्री आर्य ने कहा कि कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन नए लक्षण और नई चुनौतियां लेकर सामने आ रहा है, उसी के अनुसार नई गाइड लाइन के साथ हमें कार्य करना होगा।

उन्होंने कहा कि कोरोना प्रोटोकोल की सम्पूर्ण पालना सुनिश्चित कर इस महामारी को नियंत्रित किया जा सकता है। मेडिकल सुविधाओं के साथ जन जागरुकता के भी निरंतर प्रयास किये जाने चाहिये। श्री आर्य ने कोविड के बेहतरीन प्रबंधन के लिए ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल निगरानी समिति तथा जिला स्तरीय निगरानी समिति बनाने के भी निर्देश दिए।

बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव सिद्धार्थ महाजन ने कहा कि निजी चिकित्सालयों को भी स्वयं के स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त कर समन्वय एवं टीम भावना के साथ कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन द्वारा मरीजों को मोबाइल का प्रयोग करने दिया जाना चाहिये, जिससे अनावश्यक तनाव की स्थिति उत्पन्न नहीं हो। उन्होंने कहा कि मरीज के परिजनों को मरीज की स्थिति की जानकारी देने के लिए डेस्क या कियोस्क बनाया जाए, जहां से दिन में एक या दो बार मरीज  की स्थिति की जानकारी उसके परिजनों को दी जा सके।

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