राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को मीडिया को वक्तव्य जारी कर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड वैक्सीन की 11.5 लाख डोज़ बर्बाद होने की खबर झूठी है। भाजपा ऐसे झूठे आरोप लगाकर 14 महीने से मेहनत कर रहे हमारे कोरोना वॉरियर्स का मनोबल तोड़ने का काम कर रही है, जो निंदनीय है। सीएम गहलोत ने कहा कि मैं विपक्ष के नेताओं से अपील करूंगा कि महामारी के समय ऐसी नकारात्मक राजनीति ना करें।
सीएम गहलोत ने कहा कि C०WIN सॉफ्टवेयर पर दर्ज आंकड़ों के मुताबिक 26 मई तक प्रदेश में 1,63,67,230 लोगों को टीका लगाया जा चुका है। इनमें से 3.38 लाख डोज़ खराब हुई हैं। यह सिर्फ 2% है जो वैक्सीन खराबी की राष्ट्रीय औसत 6% एवं भारत सरकार द्वारा वैक्सीन खराबी की अनुमत सीमा 10% से बेहद कम है।
सीएम गहलोत ने कहा कि वैक्सीन की ट्रेकिंग के लिए बने सॉफ्टवेयर eVIN पर वैक्सीनेशन ड्राइव की शुरुआत में तकनीकी दिक्कतों के कारण कई वैक्सीनेशन केन्द्रों पर 2.95 लाख डोज़ की एंट्री दो बार हो गई। इस कारण eVIN सॉफ्टवेयर पर कुल वैक्सीन की संख्या 1,70,01,220 दर्ज बता दी गई। यह आंकड़ा सही नहीं है। राजस्थान में 3.38 लाख डोज़ ही खराब हुई है।
पूर्व में भारत सरकार के COWIN सॉफ्टवेयर में लाभार्थी का नाम केन्द्र सरकार द्वारा स्वत: दर्ज होने के कारण उनके अनुपस्थित होने पर किसी अन्य लाभार्थी को वैक्सीन नहीं लग पाती थी। 10 के गुणांक में लोग वैक्सीन लगवाने नहीं आते तो अन्य लाभार्थी की ऑफलाइन एंट्री नहीं हो सकती थी जिससे वैक्सीन खराब होती थी। इसी कारण हमने पत्र लिखकर केन्द्र सरकार से आफलाइन रजिस्ट्रेशन की मांग की जिससे वैक्सीन खराब ना हो।
इसी प्रकार छत्तीसगढ़ में 30.2% एवं झारखंड में 37.3% वैक्सीन डोज़ खराब होने का आरोप लगाया गया जबकि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं स्वास्थ्य मंत्रियों छत्तीसगढ़ में 0.95% एवं झारखंड में 4.65% वैक्सीन डोज़ खराब होने के आंकड़े बताए हैं। कहां तो केन्द्र सरकार 37% एवं 30% के आंकड़े देती है और कहां असल आंकड़ा सिर्फ 4.65% एवं 0.95% का है। ऐसा लगता है कि महामारी के समय में यह जानबूझकर जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है।
21 मई को हुई वीसी में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा था कि केंद्र सरकार के पो्टल में तकनीकी दिक्कत है जो वैक्सीन बर्बादी के प्रतिशत को बढ़ा देती है। उन्होंने स्वयं ने आश्चासन दिया था कि केन्द्र सही आंकड़े पेश करने के लिए राज्यों से बात करेगा एवं तब आंकड़े जारी करेगा। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने स्वयं स्वीकार किया कि पोर्टल की तकनीकी दिक्कत वैक्सीन के खराब होने का प्रतिशत बढ़ा देती है।
हम सभी को साथ लेकर कोविड प्रबंधन का कार्य कर रहे हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी ऐसे झूठे आरोप लगाकर 14 महीने से दिन रात मेहनत कर रहे कोरोना वॉरियर्स का मनोबल कम करने का प्रयास कर रही है। मीडिया के साथी भी राज्य सरकार का पक्ष जाने बिना रिपोर्ट लिख देते हैं जिससे आमजन में भ्रम की स्थिति पैदा होती है।
महामारी के समय में भाजपा द्वारा की जा रही झूठ की इस राजनीति को पूरा देश देख रहा है। गलत नीतियों के कारण ये वैक्सीन उपलब्ध करवाने में नाकामायाब रहे हैं जिसका ठीकरा ये राज्यों पर फोड़ना चाहते हैं। मैं अपील करूगां राजस्थान के विपक्षी नेताओं से कि तमाम तरह के विवाद पैदा करने की बयाय वो प्रदेश के हित को याद रखकर केन्द्र पर दबाव बनाएं जिससे राजस्थान को अधिक वैक्सीन मिल सके। साथ ही, केन्द्र सरकार पर निशुल्क यूनिवर्सल वैक्सीनेशन के लिए भी दबाव बनाएं। राजस्थान वैक्सीनेशन में देशभर में अब्वल है और आगे भी सर्वश्रेष्ठ कार्य करता रहेगा।
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