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राजस्थान के 20 अस्पतालों में होगा 'ब्लैक फंगस' बीमारी का उपचार, देखें कौने-कौन से हैं हॉस्पिटल...


राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा है कि ब्लैक फंगस संक्रमण के मरीजों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। इसी के चलते प्रदेश सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करते हुए संक्रमण को रोकने के लिए प्रयास प्रारंभ कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए घर-घर जाकर कोरोना से रिकवर हुए लोगों का व्यापक स्तर पर सर्वे किया जाएगा ताकि लक्षण वाले मरीजों को तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। 

चिकित्सा मंत्री डॉ. शर्मा ने कहा कि ब्लैक फंगस बीमारी के प्रमुख लक्षण क्या है इनकी पहचान बहुत जरुरी है। इसलिए सर्वे करने वाली टीम बीमारी के लक्षणों व इसके बचाव की जानकारी भी देंगी। उन्होंने कहा कि घर-घर सर्वे के दौरान बीमारी से सबंधित जानकारी वाले लीफलेट भी वितरित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आक्सीजन थैरेपी के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों से भी ये टीम मरीजों को अवगत कराएंगी। जिनमें थैरेपी के दौरान जीवाणु रहित पानी को नियमित रुप से बदला जाए, आक्सीजन सिलेंडर या कन्सन्ट्रेटर नैजल कैनुला या माउथ मास्क नियमित बदला जाए। 

तो वहीं चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि ब्लैक फंगस के उपचार के लिए लिए प्रदेश कि 20 अस्पतालों को अधिकृत किया है। इनमें सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज, जयपुर, राजकीय रूकमणी देवी बेनी प्रसाद जयपुरिया अस्पताल, जयपुर, राजकीय मेडिकल कॉलेज, जोधपुर, एम्स, जोधपुर, जेएलएन मेडिकल कॉलेज, अजमेर, आरएनटी मेडिकल कॉलेज, उदयपुर, राजकीय मेडिकल कॉलेज, बीकानेर, राजकीय मेडिकल कॉलेज, कोटा, राजकीय मेडिकल कॉलेज, भीलवाडा,  महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज, जयपुर, गीतांजली मेडिकल कॉलेज, उदयपुर, जैन ईएनटी अस्पताल, जयपुर, नारायण हृदयालय अस्पताल, जयपुर, सीकेएस हॉस्पिटल, जयपुर, सोनी हॉस्पिटल, जयपुर, सिद्धम ईएनटी हॉस्पिटल, जयपुर, देशबन्धू ईएनटी हॉस्पिटल, जयपुर, विजय ईएनटी. हॉस्पिटल, अजमेर, श्रीराम हॉस्पिटल, जोधपुर और  वैजयन्ती हॉस्पिटल, अलवर शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि मरीजों की मेडिकल स्थिति के अनुसार ब्लैक फंगस के उपचार के लिए इंजेक्शन अधिकृत अस्पतालों में डे-केयर सुविधा के दौरान भी लगाए जा सकेंगे।

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