गौरतलब है कि निवार्चन आयोग के प्रावधानों के अनुसार किसी भी विधायक या सांसद के निधन पर लगभग 6 माह में उस यानि खाली हुई सीट पर उपचुनाव कराने होते हैं। जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग कोरोना हालातों के चलते उपचुनावों की अवधि 6 महीने बढ़ा सकता है। प्रावधानों के अनुसार धरियावद सीट पर 19 नवम्बर तक उपचुनाव कराने हैं, जबकि जनवरी में खाली हुई वल्लभनगर सीट में 23 जुलाई तक उपचुनाव कराये जाने हैं। चुनाव आयोग ने वल्लभनगर सीट पर उपचुनाव अप्रैल महीने में खिसका दिया था और अब चुनाव आयोग ही तय करेगा कि धरियावद और वल्लभनगर सीट पर एक साथ या अलग अलग उपचुनाव कराये जायें।
बता दें कि उपचुनाव के लिये इस बार दोनों सीटें उदयपुर संभाग की है। जहां भाजपा और कांग्रेस दोनों को अपनी सीटें बचाने की चुनौती रहेगी। अप्रैल माह में चार विधानसभा सीटों में से तीन विधानसभा सीट सुजानगढ़, सहाड़ा और राजसमंद पर उपचुनाव हुये थे। जिसमें से कांग्रेस ने सुजानगढ़ और सहाड़ा में सहानुभूति कार्ड खेलते हुये यहां पर जीत हासिल की। तो वहीं भाजपा ने भी राजसमंद सीट पर सहानुभूमि का कार्ड खेला था और इस सीट पर जीत हासिल की।
तो वहीं एक बार फिर कांग्रेस में कलह देखने को मिला है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हेमाराम चौधरी द्वारा इस्तीफा देने के बाद राजस्थान की राजनीति फिर से गर्मा गई है्र। बता दें कि हेमाराम चौधरी नाराजगी को दूर करने की कवायद में सत्ता और संगठन जुट गये हैं। इस्तीफे के बाद जहां प्रदेश कांग्रेस में अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने हेमाराम चौधरी से फोन पर बात की थी। इस पर यह कहा जा रहा है कि हेमाराम चौधारी एक या दो दिन में जयपुर आकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ से मुलाकात कर सकते हैं।
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