राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकारी कार्मिक की मृत्यु के उपरांत आश्रित द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन के 46 प्रकरणों में शिथिलता प्रदान की है। मुख्यमंत्री के इस संवेदनशील निर्णय से मृतक आश्रित इन परिवारों को कठिन घड़ी में सम्बल मिल सकेगा।
उल्लेखनीय है कि अनुकंपात्मक नियमों के तहत सरकारी कार्मिक की मृत्यु के बाद आश्रित को 90 दिवस में अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन करना होता है। साथ ही आश्रित के नाबालिग होने की स्थिति में बालिग होने के 3 वर्ष के भीतर आवेदन करने का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने न्यूनतम आयु सीमा एवं विलम्ब अवधि से आवेदन के 4, अधिआयु सीमा के 5 तथा न्यूनतम आयु सीमा के साथ-साथ विलम्ब अवधि में आवेदन के 23, आवेदन की निर्धारित अवधि निकलने के बाद देरी से आवेदन के 10 तथा अनुकंपात्मक नियुक्ति नियम एवं विलम्ब अवधि के 4 प्रकरणों में सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए शिथिलता दी है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने विगत दो साल से अधिक समय में अनुकम्पा नियुक्ति के 769 प्रकरणों में शिथिलता प्रदान कर आवेदकों को राहत प्रदान की है। इस अवधि में 3236 मृतक आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्तियां भी दी गई हैं।
मुख्यमंत्री गहलोत ने संवेदनशीलता दिखाते हुए कोविड-19 महामारी के दौरान भी प्रदेश में अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों में शिथिलता प्रदान की और मृतक कार्मिकों के आश्रितों को नियुक्ति प्रदान की गई।
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