राजस्थान कांग्रेस सरकार में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मंगलवार को संवाददाताओं से वार्ता करते हुए कहा कि इस वक्त उन बच्चों की मदद करने के लिए हमें आगे आना होगा जिन्होंने अपने माता पिता को खो दिया है और अब उनके सामने पूरी जिंदगी आगे बढ़ने की चुनौती होगी।
मंत्री खाचरियावास ने कहा कि ऐसे बच्चों की मदद के लिए वह स्वयं अपनी 6 महीने की तनख्वाह ₹5.10 लाख रुपए देकर किड्स वेलफेयर फंड बनाएंगे। इसमें सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र के भामाशाह, विकास समितियों और प्रतिष्ठित समाजसेवियों को शामिल किया जाएगा। किड्स वेलफेयर फंड को अपने माता पिता को खो चुके बच्चों के वेलफेयर, फ्री शिक्षा, हर महीने खर्चे के लिए एक राशि निर्धारित करने का काम करेंगे।
मंत्री खाचरियावास ने कहा कि जिस प्रकार सिविल लाइंस में किड्स वेलफेयर फंड की व्यवस्था होगी उसी तरह सभी विधानसभा क्षेत्रों में सभी विधायक भी अपने स्तर पर इस तरह का योगदान देकर समाज के समाजसेवियों को शामिल करके पूरे राजस्थान में अनाथ हुए बच्चों के लिए एक सुनहरी जिंदगी जीने के रास्ते बना सकते हैं। कोरोना संकट के कारण जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया और बेसहारा हो गए उन्हें हम माता-पिता तो नहीं दे सकते लेकिन हम उनके परिवार का सदस्य बनकर उनके साथ खड़े होकर उनके भविष्य के लिए उन सभी व्यवस्थाओं को कर सकते हैं जो माता पिता और उनके परिवारजन करते हैं।
मंत्री खाचरियावास ने कहा कि इसी कड़ी में सिविल लाइंस में किड्स वेलफेयर फंड की स्थापना की गई है। राजधानी जयपुर में अन्य जगहों पर भी या राजस्थान में जहां भी जरूरत होगी इस वेलफेयर फंड से यदि हम मदद करने की स्थिति में रहेंगे तो हम सभी जगह अनाथ हुए बच्चों की पूरी मदद करेंगे।
मंत्री खाचरियावास ने कहा कि इस मुहिम की प्रेरणा देने में समाचार पत्रों ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। इसके लिए मैं राजस्थान के उन समाचार पत्रों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने अनाथ हुए बच्चों की दास्तान अखबारों में छाप कर हमें इस काम के लिए प्रेरित किया है।
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