इतना ही नहीं राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता गुलाबचंद कटारिया के बयान पर पलटवार करते हुए मीणा ने कहा कि भाजपा में इतनी अंतर्कलह है जिसकी कोई सीमा नहीं। स्वयं कटारिया पर राजसमंद सीट हराने के आरोप लगे, इसके अलावा भी भाजपा के 5-5 लोग मुख्यमंत्री बनने के सपने संजो कर घूम रहे हैं। और ये लोग कांग्रेस पर आरोप लगाते हैं जबकि इन्हें पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। हमारी पार्टी कांग्रेस एकजुट थी, एकजुट है और एकजुट रहेगी, मेरी पूरी गारंटी है प्रदेश में भी फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी और यदि मोदी जी का यही हाल रहा तो देश में भी कांग्रेस की सरकार बनेगी।
वर्ष 2021-22 के बजट की तारीफ करते हुए पीआर मीणा ने कहा कि मैं पहली बार विधायक बना हूं लेकिन जनता के बीच हमेशा सक्रिय रहा, ऐसा बजट मैंने अपने जीवन में पहली बार देखा है, बजट में मेरे क्षेत्र सहित हर वर्ग का और हर क्षेत्र का ख्याल रखा गया है। जो मैंने माँगा उससे भी ज्यादा मेरे क्षेत्र टोडाभीम को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिया है, उसके लिए मैं मुख्यमंत्री गहलोत का तहेदिल से धन्यवाद देता हूं। कोरोना की विपरीत परिस्थिति के बावजूद ऐसा शानदार बजट पेश किया गया है जिसकी प्रदेश ही नहीं देशभर में तारीफ हुई है। किसी भी मुख्यमंत्री के बजट की ऐसी प्रशंसा नहीं हुई जैसी सराहना राजस्थान के बजट की हुई है।
कोरोना प्रबंधन को लेकर विधायक पीआर मीणा ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा वैक्सीन की पर्याप्त और समय पर आपूर्ति नहीं होने, आवश्यक दवाईयों- रेमडेसिविर आदि सहित ऑक्सीजन के आवंटन में भेदभावपूर्ण रवैया अपनाए जाने के बावजूद सीमित संसाधन होने के बाद भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान में कोरोना का बेहतरीन प्रबंधन किया गया है।
विधायक मीणा ने बताया कि राजस्थान वैक्सीनेशन में अग्रणी रहा। 18 से 44 वर्ष आयुवर्ग के लोगों का फ्री वैक्सीनेशन राज्य सरकार स्वयं करवा रही है, पूरे देश में भारत सरकार से फ्री वैक्सीनेशन की मांग की जा रही है लेकिन दुर्भाग्य से केंद्र सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही। कोरोना के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोई भूखा ना सोए के संकल्प को पूरा किया, किसी को भूखा नहीं सोने दिया। 33 लाख गरीब परिवारों को प्रत्येक परिवार 5500 रूपये की आर्थिक सहायता दी गयी है, जिस पर 1815 करोड़ रूपये वहन किये गए हैं। महामारी के पूरे समय में कोरोना मैनेजमेंट के साथ-साथ विकास कार्यों को भी नहीं रुकने दिया और स्वास्थ्य सेवाओं को भी लगातार अधिक सुदृढ़ किया गया है। कोरोना प्रबंधन में राजस्थान मॉडल बनकर उभरा है।
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