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आखिर हो ही गया गहलोत मंत्रिमंडल का पुर्नगठन


जयपुर। करीब एक साल से सचिन पायलट और अशोक गहलोत में चल रही राजनैतिक उठापठक के बीच तीन साल बाद गहलोत मंत्रिमंडल के पहले पुर्नगठन को महामहिम राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में 11 कैबिनेट और 4 राज्यमंत्रियों को शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इससे पहले पीसीसी में यह भी कहा कि जिन विधायकों को कैबिनेट में स्थान नहीं मिला है उन्हें भी राजनैतिक जिम्मेदारी दी जायेगी थोड़ा धैर्य रखें।राजभवन में हुए शपथ ग्रहण समारोह में सबसे पहले राज्यपाल कलराज मिश्र ने हेमाराम चौधरी, महेंद्रजीत मालवीय, रामलाल जाट, महेश जोशी, विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, ममता भूपेश, भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली, गोविंद राम मेघवाल और शकुंतला रावत को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई। जाहिदा खान, बृजेंद्र सिंह ओला, राजेंद्र गुढ़ा और मुरारीलाल मीणा को राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली पिछड़ा इलाका माने जाने वाले मेवात से ताल्लुक रख़ने वाली जाहिदा खान ने अंग्रेजी में शपथ ली। विश्वेन्द्र सिंह सिंह ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली वो पिछली दो बार से डीग कुम्हेर सीट से विधायक हैं और भरतपुर से ताल्लुक रखते हैं. वो पहले बीजेपी में रह चुके है पायलट के बागी गुट में वो भी शामिल थे, लेकिन मंत्रिपद से बर्खास्तगी के बाद गहलोत खेमे में वापस लौट आए. रमेश चंद्र मीणा ने भी कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली, मीणा सचिन पायलट के करीबी हैं औऱ सपोटरा सीट से विधायक हैं. वो करौली जिले से आते है। उसके बाद ममता भूपेश बैरवा ने शपथ ली, जो सिकराय सीट से विधायक है वो अनुसूचित समाज से आती हैं और पहले भी गहलोत सरकार में मंत्री रह चुकी हैं उसके बाद भजन लाल जाटव ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली, जो बैर सीट से विधायक हैं और अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते हैं. टीकाराम जूली ने भी कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली एससी समुदाय से संबंधित जूली अलवर ग्रामीण सीट से विधायक हैं. वो पहले भी राजस्थान की गहलोत सरकार में मंत्री रह चुके हैं.  उसके बाद गोविंद राम मेघवाल ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली बीजेपी से कांग्रेस में आए मेघवाल खाजूवाला सीट से विधायक हैं. मेघवाल अशोक गहलोत के खेमे के नेता हैं. गहलोत सरकार ने मंत्रिमंडल में अनुभवी विधायकों को जगह दी है. शकुंतला रावत ने भी कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली. गुर्जर समाज की शकुंतला रावत राजस्थान प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रह चुकी हैं. वो बानसूर विधानसभा सीट से एमएलए रह चुकी हैं और कांग्रेस की वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं उसके बाद बृजेंद्र ओला ने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली. वो पिछली तीन बार से विधायक हैं और सचिन पायलट के करीबी माने जाते हैं. ओला जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. ओला झूंझनू सीट से विधायक हैं. सचिन पायलट ने जब गहलोत के खिलाफ बगावत की थी तो ओला उनके साथ थे दौसा सीट से विधायक मुरारी लाल मीणा ने भी राजस्थान सरकार में राज्य मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की. वो सचिन पायलट के करीबी माने जाते हैं. मीणा समुदाय के मुरारी लाल पहले भी मंत्री रह चुके हैं. राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने भी राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली वो उदयपुरवाटी सीट से विधायक हैं. 2018 में वो बसपा से चुनाव जीते थे और बाद में कांग्रेस का दामन थाम लिया। मुस्लिम समुदाय की जाहिदा खान ने भी राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली. वो भरतपुर जिले से आती हैं. वो प्रदेश कांग्रेस में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुकी हैं. वो दूसरी बार कामां सीट से विधायक बनी हैं. जाहिदा भरतपुर सीट से ताल्लुक रखती हैं।

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