जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि न्यायपालिका को प्राथमिकता देते हुए पेगासस जासूसी मामले की जांच की जानी चाहिए। उन्होने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा मैं विपक्ष ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया, जिसके चलते संसद कई दिनों तक ठप रही। अमेरिका के राष्ट्रपति निक्सन का तो इस पेगासस जासूसी मामले में इस्तीफा तक हो गया था पेगासस जासूसी मामले को केंद्र सरकार दबाने में लगी हुई है केंद्र सरकार आमजन को डराने धमकाने के लिए सीबीआई इनकम टैक्स ईडी सीबीआई का दुरुपयोग किया जा रहा है, जो लोग सरकार के खिलाफ बोलते हैं उन लोगों को टारगेट बना दिया जाता है। आज इस देश के अंदर कुछ भी आरोप लगा दो, पूरा मीडिया जो है दुर्भाग्य से दबाव में, मजबूरी में, कुछ भी समझ लीजिए क्योंकि सीबीआई, इनकम टैक्स, ईडी इनके पीछे पड़ी हुई है सबके ही। असहमति रखने वाले लोग टार्गेट बनाए हुए हैं, जहां चुनाव आता है जिस प्रदेश में, वहां सीधा कूद पड़ा, ईडी वाले आ जाते हैं, इनकम टैक्स पहुंच जाती है, सीबीआई पहुंच जाती है। इस माहौल में देश में लोकतंत्र चल रहा है, इसलिए मैं बार-बार कहता हूं कि लोकतंत्र को भी खतरा है और संविधान को भी खतरा है।
गांधीजी को नई पीढी तक पहुंचाने की है आवश्यकता सीएम:- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज गांधीजी के बलिदान दिवस पर कहा कि 30 जनवरी, ये हमें याद दिलाता है कि उस महापुरुष ने देश की आजादी के लिए जिस रूप में डू और डाई का नारा दिया, पूरे देश में महान नेताओं ने उनके सानिध्य में जंग लड़ी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने उनको राष्ट्रपिता कहा। गांधी जी की हत्या हो गई। हत्या करने वाले जो व्यक्ति हैं, वो किस विचारधारा से संबंध रखते हैं, आप सब समझ सकते हैं, आज वो लोग राज में बैठे हुए हैं, उन्हीं की विचारधारा के लोग मेंबर ऑफ पार्लियामेंट बन रहे हैं जिन्होंने गांधी की हत्या की और उसी रूप में गांधी को हम आज श्रद्धासुमन चढ़ाते हैं कि उस महापुरुष ने सबकुछ किया, आखिर में उनकी जान ले ली गई। पूरा देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया शोक में डूब गई थी क्योंकि उनका व्यक्तित्व विराट था। आइंस्टीन जैसे वैज्ञानिक ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को विश्वास भी नहीं होगा कि महात्मा गांधी जैसा कोई व्यक्ति हाड़-मांस का बना हुआ इस धरती पर कभी चला भी है क्या। उस एक सेंटेस से समझ जाइए आप कि दुनिया के मुल्कों में गांधी के बारे में क्या धारणा थी और आज हिंसा की बात होती है, तनाव की बात होती है, अविश्वास की बात होती है और गांधी का संदेश है, प्यार का, मोहब्बत का, भाईचारे का, सद्भावना का, शांति का, अहिंसा का। आज मैं कहना चाहूंगा नौजवान पीढ़ी को क्योंकि 98 पर्सेंट लोग आज इस देश में हैं, वो आजादी के बाद में पैदा हुए हैं लगभग। आप सोच सकते हो कि किस रूप में गांधी को नई पीढ़ी तक पहुंचाने की आवश्यकता है।
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