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भारत वसुधैव कुटुंबकम की भावना का सच्चा राही-सीएम


जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से आबूरोड ब्रह्माकुमारी संस्थान में आयोजित हुए अमृत महोत्सव का शुभारंभ किया। आजादी के 75 साल पर केन्द्र सरकार द्वारा घोषित किए गए अमृत महोत्सव कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 75 साल की आजादी के महानायको को याद करते हुए कहा कि आज हम इनकी बदौलत अमृत महोत्सव मना रहे है। गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में कहा कि हमारा गौरवशाली इतिहास रहा है और इतिहास जो बनाया गया है आजादी का, उसका महोत्सव हम मना रहे हैं, तो हम महात्मा गांधी को याद करें, पंडित जवाहर लाल नेहरू को याद करें, सरदार वल्लभ भाई पटेल को याद करें, मौलाना अबुल कलाम आजाद को याद करें, संविधान निर्माता अंबेडकर को याद करें व साथ-साथ में जितने ही बड़े-बड़े, गोपाल कृष्ण गोखले, लोकमान्य तिलक से लगाकर कितने ही बड़े-बड़े महापुरुष हुए हैं जिन्होंने हमें आजादी दिलाई और उसके कारण ही आज हम 75 साल का आजादी महोत्सव मना रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री मोदी जी जब दुनिया के विकासशील देशो की यात्रा पर जाते है तो उन्हें जो मान-सम्मान मिलता है उसके पीछे भारत की तरक्की और अक्षुण लोकतांत्रिक व्यवस्था, सुंस्कृति को नकारा नहीं जा सकता। देश ने जो तरक्की की है इन 75 साल में विज्ञान व तकनीकी सहित हर क्षेत्र के अंदर, उसका आज देश और दुनिया लोहा मानती है। इसलिए मुझे खुशी है कि ये एक अभियान जो हमारी खुद की जो पहचान है देश की दुनिया के अंदर, ये कोई मामूली नहीं है, प्राचीन काल से ही वसुधैव कुटुंबकम की बात की गई है, हम कल्पना कर सकते हैं कि हमारे ऋषि-मुनियों ने, हमारे पूर्वजों ने जो प्राचीन काल से ही वसुधैव कुटुंबकम, पूरा विश्व ही हमारा कुटुंब है और जय जगत विनोबा भावे ने कहा, जगत की जय हो, ये भावना रखने वाला मुल्क हमारा  हिंदुस्तान हमारा मुल्क है और हमें इस बात का बहुत गर्व महसूस होता है। गहलोत ने कहा कि आज देश के अंदर तनाव, हिंसा का माहौल है उससे छुटकारा मिले, ये आपकी-हमारी हम सबकी इच्छा रहती है। मैं समझता हूं कि सत्य-अहिंसा के मार्ग पर चलकर ही हम समाज को और इस देश को आगे बढ़ा सकते हैं, जहां शांति होगी, वहां विकास होगा, ये हमारी धारणा हमेशा रही है। इसलिए शांति-सद्बाव-भाईचारा-सत्य-अहिंसा ये हमारे मूल मंत्र हैं, इनको मजबूत करने का काम मैं समझता हूं कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय का परिवार बहुत अच्छे ढंग से निभा सकता है। उन्होने कहा कि ये मौका है कि नई पीढ़ी को ये तमाम संस्कार जो मैं अभी बोल रहा था कि सत्य-अहिंसा-भाईचारा-सद्भावना इसके माहौल में हमारी नई पीढ़ी शिक्षित हो और आने वाले कल के भविष्य के कर्णधार वो ही है।

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