Business

header ads

आशा सहयोगिनियों का प्रशासनिक नियंत्रण चिकित्सा विभाग के तहत करने की दी सहमति


जयपुर।  चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने प्रदेश भर में 52 हजार से ज्यादा आशा सहयोगिनियों का प्रशासनिक नियंत्रण चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के तहत करने की सहमति प्रदान कर दी है।स्वास्थ्य मंत्री ने सचिवालय में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती ममता भूपेश के साथ हुई एक अहम बैठक में यह सहमति दी। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा, चिकित्सा विभाग के सचिव श्री आशुतोष एटी पेडणेकर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी, समेकित बाल विकास सेवाएं की आयुक्त श्रीमती उर्मिला राजोरिया सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे। श्री मीणा ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र के लाभार्थी एवं चिकित्सा विभाग के लाभार्थी समान होने के कारण यह सहमति दी गई है। उन्होंने बताया कि आशा सहयोगिनी को मानदेय आईसीडीएस विभाग द्वारा एवं इंसेंटिव चिकित्सा विभाग द्वारा दिया जा रहा है। चिकित्सा विभाग के अधीन आने से ना केवल आशा सहयोगिनियों को समय पर मानदेय मिल पाएगा बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार होगा।उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 55 हजार 816 मुख्य व 6 हजार 204 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत हैं, जिसमेें 55 हजार 816 आशा सहयोगिनी के पद स्वीकृत हैं। इन स्वीकृत पदों में 52 हजार 810 पदों पर आशा सहयोगिनी कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि आशा के रूप में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा इंसेंटिव आधारित पद सृजित किया गया था। राजस्थान में आईसीडीएस के साथ सहयोगिनी के रूप में समन्वित पद करते हुए अतिरिक्त रुप से मानदेय का प्रावधान किया गया था। दोनों पदों की भूमिका एवं कार्यक्षेत्र एक समान होने के कारण आशा सहयोगिनी के रूप में नवीन पद पर सहमति दी गई थी। अब आशा सहयोगिनियों का प्रशासनिक नियंत्रण चिकित्सा विभाग के अधीन करने पर सहमति दे दी गई है।

Post a Comment

0 Comments

ARwebTrack