जयपुर। राज्य की प्रस्तावित खनिज नीति प्रदेश में खनिज खोज व खनन गतिविधियों को बढ़ावा देने वाली, रोजगारपरक और अन्य प्रदेशों की तुलना में अधिक सरल और पारदर्शी होगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम और एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने सचिवालय में खनिज नीति को अंतिम रुप दे रही समिति के सदस्यों से विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि नई खनिज नीति में अन्य प्रदेशों के अध्ययन दलों की रिपोर्ट के साथ ही खान व गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया कि संभागीय स्तर पर आयोजित संवाद कार्यक्रमों में माइनिंग गतिविधियों से जुड़े प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए सुझावों में से उपयोगी सुझावों का भी समावेश किया जाएगा।एसीएस माइंस, पेट्रोलियम व एनर्जी डॉ. अग्रवाल निदेशक माइंस केबी पण्डया, नीति का प्रारुप तैयार कर सही समिति के सदस्यों, वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नई खनिज नीति के प्रारुप पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने प्रस्तावित खनिज का प्रारुप इसी माह राज्य सरकार को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए ताकि राज्य सरकार स्तर पर परीक्षण व आवश्यक औपचारिकताओंक्षके बाद खनिज नीति जारी की जा सके।डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की खनिज नीति को अन्य प्रदेशों की तुलना में अधिक अग्रगामी, सरल और पारदर्शी बनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना रहा है कि प्रदेश में विपुल खनिज संपादा का बेहतर और वैज्ञानिक तरीक से दोहन किया जा सके, इस तरह की नई खनिज नीति हो। इसी तरह से खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने खानों की नीलामी में आरक्षण व्यवस्था का प्रावधान करने को कहा है ताकि बेरोजगार तकनीकी विशेषज्ञ युवाओं, अनुसूचित जाति-जनजाति, महिलाओं, विशेष योग्यजन सहित आरक्षण वर्ग के लोगों की भी प्रदेश में खनन गतिविधियों में भागीदारी तय की जा सके।
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