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दिल्ली स्थित बीकानेर हाउस में कठपुतली वर्कशॉप का शानदार आयोजन

सत्ताजगत
जयपुर राजस्थान स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में प्रदेश की संस्कृति, कला और विरासत को दर्शाने के लिए दिल्ली के बीकानेर हाउस में चल रहे आठ दिवसीय समारोह के चौथे दिन रविवार को राजस्थान फांउडेशन और राजस्थान स्टूडियो की ओर से दर्शकों के लिए आंन-ग्राउंड एवं ऑन-लाईन पपेट वर्कशॉप का शानदार आयोजन किया गया। जिसमें जूम ऐप के माध्यम से 52 देशों के अप्रवासी राजस्थानियों के अतिरिक्त राजस्थान फाउंडेशन से जुड़ी लगभग 40 अप्रवासी राजस्थानी संस्थाओं को इस कार्यक्रम का सजीव प्रसारण दिखाया गया। इस अवसर पर राजस्थान के शिक्षा, कला एवं साहित्य मंत्री, डॉ. बी.डी. कल्ला ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करते हुए अप्रवासी राजस्थानियों को प्रदेश की संस्कृति से जोड़ने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यशाला की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश की इस ऐतिहासिक कला को लुप्त होने से बचाने के लिए ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में कठपुतली कला के माध्यम से राजस्थान के राजाओं महाराजाओं की वीरता के किस्से जन-जन तक पहुंचाये जाते थे और लोगों का मनोरंजन किया जाता था। पपेट कला प्रचार प्रसार का सशक्त माध्यम भी रही हैं। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि राजस्थान फांउडेशन द्वारा अप्रवासी राजस्थानियों को उनके साहित्य एवं कला से जोड़ कर प्रदेश की उन्नति में भागीदार बनाने के प्रयास जारी रहेंगे। इस अवसर पर राजस्थान फांउडेशन के आयुक्त, श्री धीरज श्रीवास्तव ने कहा कि हम अपने लक्ष्य ‘राजधानी में राजस्थान’ की ओर सफलता पूर्वक आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अप्रवासी राजस्थानी कम्यूनिटी एवं उनके मूल राज्य के मध्य की बॉडिंग को मजबूती प्रदान करने की दिशा में राजस्थान फाउंडेशन सदैव कार्यरत रहा है। हम सम्पूर्ण अप्रवासी राजस्थानी समुदाय को उनकी अपनी मातृभूमि राजस्थान में आने एवं जुड़ने के लिए आमंत्रित करते हैं। समारोह में राजस्थान स्टूडियो के सीईओ एवं फाउंडर, श्री कार्तिक गग्गर ने राजस्थान की लुप्त होती कलाओं को पुर्नजीवित करने के हमारे प्रयास में सहयोग देने के लिए सभी प्रदेश के प्रवासी साथियों का धन्यवाद् व्यक्त करते हुए कहा कि आप सभी को यह जानकर बेहद प्रसन्नता होगी कि राजस्थान स्टूडियो द्वारा नेशनल लेवल पर अवार्डेड आर्टिस्ट के साथ मिलकर विशेष रूप से क्यूरेट की गई इन-पर्सन एवं ऑन-लाईन आर्ट एक्सपीरियंस कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है। उन्होंने राजस्थान की समृद्ध कलात्मक विरासत को री-डिस्कवर करने का सभी का आह्वान किया। इस अवसर पर कठपुतली कार्यशाला के संचालक, श्री पप्पू भाट ने कठपुतली कला का प्रदर्शन करते हुए कहा कि उनका सम्पूर्ण परिवार पपेटरी आर्ट से गत अनेक पीढ़ियों से जुड़ा हुआ है। वर्तमान में यह कला लगभग समाप्त होने के कगार पर है। राजस्थान दिवस के अवसर पर आप सभी के बीच इस आर्ट एक्सपीरियंस को साझा करते हुए उन्हें गर्व और आनंद की अनुभूति हो रही है। इस पपेट वर्कशॉप में देश विदेश से अनेक प्रतिभागियों ने भाग लिया और पपेट बनाना सीखा और अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम में श्री बी.डी.कल्ला और श्री धीरज श्रीवास्तव के अतिरिक्त प्रमुख आवासीय आयुक्त श्रीमती शुभ्रा सिंह और अतिरिक्त आवासीय आयुक्त श्री विमल शर्मा ने अपने हाथों से इस कार्यशाला में कठपुतली डेमों में रंग भरकर सभी प्रतिभागियों की हौंसला बढ़ाया।

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