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भाजपा में फिर सिर उठाने लगी मनभेद-मतभेद की खबरें

जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में अभी करीब 18-20 महीने  शेष है विपक्ष में बैठी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां और दो बार प्रदेश की मुख्यमंत्री की कमान संभाल चुकी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समर्थकों में मनभेद मतभेद कांग्रेस के शासन के तीन साल के कार्यकाल को लेकर खुलकर सामने आ गई है पिछले शुक्रवार को ही राजे सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान विधानसभा अध्यक्ष रहे वरिष्ठ भाजपा विधायक कैलाश मेघवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा सदन में लाये गए दंड प्रक्रिया संशोधन विधेयक-2022 का समर्थन किया जबकि उनकी पार्टी के अन्य सदस्यों ने इसका विरोध जताया वरिष्ठ सदस्य कैलाश मेघवाल के द्वारा जताये गए समर्थन से सत्तापक्ष जहां बम बम है तो वहीं विपक्ष में बैठी भाजपा में स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीच मनभेद और मतभेद की खाई है।  मनभेद मतभेद को लेकर तब ओर बल मिलता है जब राज्यसभा सांसद ओमप्रकाश माथुर से उनके घर पर सांसद किरोड़ी लाल मीणा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ के साथ गुप्त मंत्रणा हुई बताई जाती है इससे पहले किरोडी लाल मीणा ने घनश्याम तिवाड़ी के घर जाकर उनसे मुलाकात की थी बताया जा रहा है कि हालाकि घनश्याम तिवाड़ी और किरोडी लाल मीणा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से बरसों छत्तीस का आंकड़ा रहा है और घनश्याम तिवाड़ी ने भाजपा छोड़ कांग्रेस ज्वाइन भी कर ली थी तो किरोडी लाल मीणा ने अपनी नई पार्टी बनाकर अपने राजनैतिक दम खम को दिखाया जैसा कि राजनीति में किसी नेता की किसी से व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं होती उसी नीति के तहत आज किरोडी लाल मीणा और घनश्याम तिवाडी दोनो वरिष्ठ नेता भारतीय जनता पार्टी में है और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां यों तो संघ के समर्थक माने जाते है मगर उनके राजनैतिक प्रबंधन पार्टी एकमुखी नहीं दिख रही है आठ मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का जन्मदिवस है जन्मदिवस को देव दर्शन यात्रा का नाम दिया जा रहा है इस दिन राजे के समर्थको में खासमखास माने जाने वाले भवानी सिह राजावत, पूर्व अध्यक्ष अशोक परनामी, कालीचरण सराफ,पूर्व मंत्री युनूस खान, विधायक प्रताप सिंह सिंघवी, विधायक अशोक लाहोटी, पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल, पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत राजे के जन्मदिन मनाने के कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे हुए है।  दूसरी ओर राजे के प्रबल समर्थक माने जाने वाले लाडपुर से विधायक भवानी सिंह राजावत ने पिछले दिनों ही पूर्व मुख्यमंत्री राजे की राजनैतिक कार्यशैली की तारीफ करते हुए यहां तक कह दिया कि राजस्थान में वसुंधरा राजे की कप्तानी में ही भाजपा सत्ता में लौट सकती है इससे यह तो स्पष्ट है कि सत्ता की कुर्सी के लिए राजस्थान भाजपा के नेताओं में मनभेद और मतभेद दोनो मौजूद है।

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