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मुख्यमंत्री राजस्थान आर्थिक सुधार सलाहकार परिषद की तीसरी बैठक : CM गहलोत ने कहा-"आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए नए क्षेत्रों पर करना होगा फोकस"

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आर्थिक मंदी, नोटबंदी, जीएसटी की कठिनाइयों के साथ ही विगत दो वर्षों से कोविड जनित परिस्थितियों के कारण देश-प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। ऎसे में आर्थिक गतिविधियों को तेजी से बढ़ाने और रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित करने के लिए ‘आउट ऑफ द बॉक्स‘ सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए नए क्षेत्रों पर फोकस कर नई सोच के साथ काम करना होगा। 

श्री गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित मुख्यमंत्री राजस्थान आर्थिक सुधार सलाहकार परिषद की तीसरी बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में बढ़ती आर्थिक असमानता, रोजगार के अवसरों में कमी, बढ़ती महंगाई एवं आर्थिक गतिविधियों में मंदी चिंता का विषय है। रोजगार को लेकर कई स्थानों पर आंदोलन हो रहे हैं। देशभर में तनाव और हिंसा का माहौल बन रहा है। इन मुश्किल हालातों में केंद्र और राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि आम आदमी की आय बढे़, अमीरी-गरीबी की खाई कम हो और अर्थ तंत्र मजबूत हो। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कई ऎसे क्षेत्र हैं, जिनमें योजनाबद्ध तरीके से काम कर रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकते हैं। राजस्थान की सांस्कृतिक और ऎतिहासिक विरासत को देखते हुए यहां पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं मौजूद हैं। इस क्षेत्र में प्रदेश में बेहतर योजना के साथ काम किया जा सकता है। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि विकास यात्रा में गांव भी पीछे नहीं छूटें, क्योंकि अर्थव्यवस्था में ग्रामीण क्षेत्र का बड़ा योगदान है।    

श्री गहलोत ने कहा कि कृषि क्षेत्र में भी विकास की बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं, इस दृष्टि से राज्य सरकार ने इस बार कृषि बजट अलग से पेश किया है, ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो, खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा मिले और जीडीपी में उनका योगदान बढे़। उन्होंने कहा कि शहरों में असंगठित क्षेत्रों में रोजगार की गुणवत्ता पर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है। बडे़ उद्योगों और निवेश को प्रोत्साहन देने के साथ ही सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को भी बढ़ावा देना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इस वर्ष के बजट में हर क्षेत्र में विकास के लिए विशेष प्रावधान किए हैं। कर्मचारियों एवं उनके परिवारों का भविष्य सुरक्षित करने की दृष्टि से पूर्व पंंेशन योजना लागू करने की ऎतिहासिक घोषणा की है। इस फैसले की देशभर में चर्चा हो रही है। प्रदेशवासियों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री चिंरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का दायरा बढ़ाया है। इनडोर एवं आउटडोर स्वास्थ्य सेवाएं निःशुल्क की गई हैं। इसके अलावा शिक्षा, आधारभूत ढांचे के सुदृढ़ीकरण और रोजगार सहित अन्य क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। हमारा प्रयास है कि राजस्थान किसी क्षेत्र में पीछे नहीं रहे।

शिक्षा मंत्री श्री बीडी कल्ला ने कहा कि शिक्षा में सुधार के लिए वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रमों में बदलाव की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में बच्चों को रचनात्मक तरीके से शिक्षा देने के साथ ही खेल-कूद एवं शारीरिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान में पयर्टन एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए जो सुझाव सामने आए हैं, उन पर प्रभावी रूप से अमल किया जाएगा।

कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा कि राजस्थान में कृषि के लिए पानी की उपलब्धता बढ़ाने पर जोर देना होगा। इसके लिए नहरी क्षेत्रों में ड्रिप इरीगेशन को बढ़ाना होगा, ताकि बचने वाले नहरी जल का उपयोग अन्य क्षेत्रों में हो सके। उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत निर्णय लेकर काम करना होगा, ताकि किसानों को उनकी पैदावार का उचित मूल्य मिल सके। 

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि विगत तीन वर्षों में प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार को लेकर अभूतपूर्व काम हुआ है। हमारा प्रयास है कि सीएचसी एवं पीएचसी स्तर तक बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हों। 

उद्योग मंत्री श्रीमती शकुन्तला रावत ने कहा कि प्रदेश में निवेश एवं रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए एमएसएमई एक्ट, वन स्टॉप शॉप, रिप्स-2019 सहित कई योजनाएं लागू की गई हैं। विभिन्न नीतिगत बदलावों एवं योजनाओं के माध्यम से उद्यमियों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। 
तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए टीचर्स ट्रेनिंग सिस्टम में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से शुरू किए गए अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को लेकर लोगों में काफी उत्साह है। भविष्य में इसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे। कृषि विपणन राज्य मंत्री श्री मुरारी लाल मीणा ने भी विचार व्यक्त किए।

परिषद के उपाध्यक्ष श्री अरविंद मायाराम ने स्वागत उद्बोधन देते हुए विगत दो बैठकों में लिए गए निर्णयों एवं उनकी क्रियान्विति के संंबंध में जानकारी दी और आगामी दो वर्ष के लिए कार्ययोजना के बारे में बताया।

परिषद् के सदस्य केआर मंगलम यूनिवर्सिटी हरियाणा के कुलपति डॉ. दिनेश सिंह, क्लाइमेट बॉण्ड्स इकोनोमिस्ट के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. रथिन रॉय, पूर्व राज्यसभा सदस्य श्री राजीव गौड़ा, अनोखी फॉक कल्चर जयपुर की फाउण्डर श्रीमती फेथ सिंह, ग्रामीण विकास मंत्रालय के पूर्व संयुक्त सचिव श्री विजय कुमार, इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एण्ड बाइलरी साइंस नई दिल्ली के निदेशक डॉ. शिव कुमार सरीन, मेदान्ता हॉस्पीटल के संस्थापक डॉ. नरेश त्रेहान, एबीसी कंसल्टेंट्स के गु्रप एडवाइजर श्री नवेद खान, योजना आयोग के पूर्व सदस्य श्री अरूण मायरा, सेन्टर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनोमी प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री महेश व्यास, सेन्टर फॉर पॉलिसी रिसर्च की प्रेसिडेंट श्रीमती यामिनी अय्यर ने भी बैठक में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। 

विषय विशेषज्ञों द्वारा बैठक में फिस्कल मैनेजमेंट ऑफ द स्टेट, सस्टेनेबल एग्रीकल्चर, इंटीग्रेटेड एग्रो बिजनेस इंफ्रास्ट्रक्चर इन द रूरल एरियाज, मैनेजिंग द अरबन इन्फॉरमल सेक्टर, मेडिकल सर्विसेज, एजुकेशन एण्ड न्यू पैराडिम, क्वांटिफाइंग द कॉन्ट्रीब्यूशन ऑफ इंटेंजीबल कल्चरल असेट्स टू द इकॉनोमी, डूईंग बिजनेस, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप्स इन इंफ्रास्ट्रक्चर विषयों पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। आयोजना विभाग के सचिव श्री नवीन जैन ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

बैठक की शुरूआत में दो मिनट का मौन रखकर परिषद् के सदस्य रहे स्व. केशव देसिराजू को श्रद्धाजंलि अर्पित की गई।

इस अवसर पर राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य, मुख्य सचिव श्रीमती ऊषा शर्मा, मुख्यमंत्री आर्थिक सुधार सलाहकार परिषद के सदस्य, संबंधित विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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