जयपुर। मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि राज्य में उद्योग व्यापार बढ़ाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्व है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वर्तमान सरकार द्वारा इस दिशा में किए गए नवाचारों तथा योजनाओं से भविष्य में राज्य में औद्योगिक विकास को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने शासन सचिवालय में उद्योग विभाग की समीक्षा करते हुए यह बात कही। मुख्य सचिव ने उद्योग विभाग की निर्यात संवर्धन समन्वय परिषद ,विवाद एवं शिकायत निवारण तंत्र अर्न्तगत गठित समिति तथा दिल्ली मुम्बई इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर की स्टीयरिंग कमेटी की एक के बाद एक बैठकें ली तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किये। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में निर्यात संवर्धन के लिए पर्याप्त संभावनाएं हैं। यह बेहद प्रसन्नता की बात है कि हमारे राज्य में हर जिले से कोई न कोई उत्पाद निर्यात होता है। कोविड की परिस्थितियों के बावजूद कुल निर्यात में वृद्धी दर्ज होना उत्साहजनक है। मुख्य सचिव ने विश्वास जताया कि राज्य में निर्यात बढ़ाने के लिए किये जा रहे नवाचारों के फलस्वरूप ईपीआई तथा लैण्डलॉक स्टेट कैटेगिरी में राज्य शीर्ष रैंकिंग हासिल करेगा। उन्होंने राजस्थान निर्यात संवर्धन समन्वय परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य में निर्यात को बढ़ाने की प्रबल संभावनाएं हैं। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जाना चाहिये, ताकि विभिन्न क्षेत्रों में नए एक्सपोर्टर्स तैयार हों।इस अवसर पर उद्योग विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री टी. रविकांत ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से पिछले तीन वित्तीय वर्षों में राज्य में निर्यात की स्थिति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने निर्यात संवर्धन के लिए राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे नवाचारों के बारे में जानकारी दी और बताया कि लगभग हर क्षेत्र में निर्यात बढ़ा है और राज्य सरकार द्वारा विगत वर्षों में लिये गए निर्णयों के फलस्वरूप इसमें और इजाफा होगा। उन्होंने बताया कि 2021 में शुरू किये गए ‘मिशन निर्यातक बनो’ के तहत भावी एक्सपोर्टर्स को प्रोत्साहित करने के साथ साथ उन्हें संबल भी प्रदान किया गया। उन्होंने बताया कि मिशन के तहत 6 हजार से भी ज्यादा आईईसी कोड जारी किये गए हैं, तथा हर जिले के 2 से 3 उत्पादों को निर्यात के लिए चिह्नित किया गया है। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उद्योग एवं वाणिज्य विभाग द्वारा विवाद एवं शिकायत निवारण तंत्र के अर्न्तगत गठित राज्य स्तरीय समिति की बैठक हर तीन माह में होना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि बैठक में जिलों से आए मुद्दों के अलावा समिति के मनोनीत सदस्यों के मुद्दों को भी प्राथमिकता दी जाए। बैठक में रीको औद्योगिक क्षेत्र में स्थित वाणिज्यिक अथवा आवासीय इकाईयों को यूडी टैक्स में छूट के संबंध में, पापड़ उद्योग को सफेद श्रेणी में वर्गीकृत करने, रीको उप कार्यालय, किशनगढ़ को स्वतंत्र कार्यालय में क्रमोन्नत करने, जिला करौली में खनिज सैण्ड स्टोन के अन्ड्रेस्ट ब्लॉक पर रॉयल्टी वसूली के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में लवण भूखण्डों के लीज नवीनीकरण की समयावधि बढ़ाने, भीलवाड़ा में मेगा टेक्सटाइल पार्क की स्थापना का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भिजवाने सहित विभिन्न औद्योगिक मुद्दों पर विस्तार से बात की गई। बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से राजस्व के प्रमुख शासन सचिव श्री आनन्द कुमार सहित विभिन्न अधिकारी जुड़े हुए थे। श्रीमती शर्मा ने दिल्ली मुम्बई इंडस्ट्रीयल कॉरीडोर की 12वीं राज्य स्तरीय स्टियरिंग समिति की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि इसके माध्यम से डेडीकेडेट फ्रंट कॉरिडोर का निर्माण होगा जो राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
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