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खेलने के लिए कोई उम्र सीमा नहीं, जब भी मौका मिले खेलें


जयपुर। खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना ने प्रदेश में खेलों का माहौल बनाने पर जोर देते हुए कहा कि खेलने के लिए कोई उम्र की सीमा नहीं होती है। व्यक्ति को जीवन में जब भी मौका मिले उसे खेलते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण ओलंपिक खेलों में रजिस्टर्ड 26.85 लाख खिलाड़ियों में से एक लाख से अधिक खिलाड़ी 50 साल से ज्यादा उम्र के हैं। श्री चांदना सोमवार को यहां शासन सचिवालय में सचिवालय खेलकूद प्रतियोगिता 2021-22 के विजेता एवं उपविजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार वितरित कर रहे थे। खेल राज्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री की प्रदेश को खेलों में आगे बढ़ाने की मंशा के अनुरूप नीतियों में बदलाव किया गया है। उन्होंने कहा कि जब तक खिलाड़ियों का भविष्य सुरक्षित नहीं होगा तब तक वह पूरे समर्पण भाव से मैदान में नहीं आएंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए खिलाड़ियों के लिए सरकारी नौकरी में 2 फीसदी पद आरक्षित किए गए और ‘आउट ऑफ टर्न’ नियुक्तियां दी गई। अशोक चांदना ने कहा कि राज्य में खेलों का माहौल बनेगा तो ‘स्वस्थ समाज’ के निर्माण के साथ प्रतिस्पर्द्धा बढ़ने से बेहतर खिलाड़ी मिलेंगे। इसी का नतीजा है कि प्रदेश की महिलाओं ने पहली बार कबड्डी, वॉलीबॉल और हैण्डबॉल में नेशनल मेडल हासिल किए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में खेलों के प्रति बन रहे सकारात्मक माहौल का असर यह होगा कि अगले 5 साल में दूसरे राज्य के खिलाड़ियों के लिए राजस्थानी खिलाड़ियों को हराना असंभव होगा। इससे पहले शासन सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्री अभिमन्यु शर्मा ने राज्य में खेलों को बढ़ावा देने, खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में नियुक्ति देने और कर्मचारी संघ का खेल बजट 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 4 लाख रुपए करने के लिए मुख्यमंत्री एवं खेल राज्य मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि गत माह आयोजित सचिवालय खेलकूद प्रतियोगिता में 520 खिलाड़ियों ने भाग लिया था।  कार्यक्रम में कर्मचारी संघ के पदाधिकारी, खेल प्रतियोगिताओं के विजेता-उपविजेता खिलाड़ी एवं सचिवालय कर्मचारी उपस्थित थे।

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