जयपुर। देश में लुप्त हो रही सभ्यता, संस्कृति और संस्कार पर चर्चा करने के लिए आज देशभर के ब्राह्मण संगठनों के प्रतिनिधि जयपुर में जुटें। ब्राह्मण प्रतिनिधियों ने ब्राह्मण समाज की दशा और दिशा पर मंथन किया और फैसला किया कि जल्द ही ब्राह्मण समाज को जोडऩे और सनातन धर्म के प्रचार के लिये संघर्ष यात्रा निकाली जाएगी। विश्व ब्राह्मण महासभा के तत्वावधान में जयपुर के विद्याधर नगर सेक्टर चार स्थित जांगिड़ महासभा भवन में विश्व विप्र समन्वय संघर्ष समिति की बैठक आयोजित की गयी। बैठक में राजस्थान सहित अन्य राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए। विश्व ब्राह्मण महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिता मिश्रा ने बताया कि महासभा की ओर से आयोजित विश्व विप्र समन्वय संघर्ष समिति की बैठक में महाराष्ट्र, तेलंगाना, उज्जैन, मध्य प्रदेश, बेंगलुरु, असम, सूरत, आंध्रप्रदेश, नैनीताल, छत्तीसगढ़, आगरा, गया, गुजरात, पंजाब, उड़ीसा, प. बंगाल आदि के ब्राह्मण संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए.। चर्चा के दौरान ब्राह्मण प्रतिनिधियों ने देश में लुप्त हो रही सभ्यता, संस्कृति और संस्कार पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज ब्राह्मण अपना अस्तित्व खोता जा रहा है। किसी भी क्षेत्र में ब्राह्मणों को पूरा प्रतिनिधित्व नहीं मिल पा रहा है ब्राह्मण समाज स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहा है। महासभा की ओर से 21 सूत्रीय मांग पत्र भी बैठक में रखा गया और उसका अनुमोदन किया गया। अनुमोदन के बाद जल्द ही केंद्र और राज्य सरकार को इस संबंध में ज्ञापन दिया जाएगा और सभी मांगे पूरी करने के लिए अनुरोध किया जाएगा। अनिता मिश्रा ने बताया सभी राज्यों में विप्र कल्याण बोर्ड का गठन हो, स्वर्ण कल्याण आयोग का गठन हो, बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए रोजगार की व्यवस्था हो, मंदिरों के पुजारियों के बच्चों की शिक्षा की भी सरकार व्यवस्था करें, जो भी मठ और मंदिर पर प्रकार का अधिकार है उन्हें उस अधिकार से मुक्त किया जाए आदि मांगों को 21 सूत्रीय मांग पत्र में शामिल किया गया है। मिश्रा ने कहा कि सरकारी आधिपत्य वाले मंदिरों की पूरी राशि सरकार के पास चली जाती है जबकि अन्य धार्मिक स्थलों में उनकी राशि उन्ही के पास रहती है। यह हिंदुओं के साथ अन्याय है इस अन्याय के खिलाफ भी विश्व ब्राह्मण महासभा अपनी आवाज उठाएगा।
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