रमेश शर्मा...
जैसलमेर। राज्य सरकार ने कड़े नियमों की पालना में शराब के ठेके खोलने की छूट दी थी। सोशल डिस्टेसिंग की पालना को प्राथमिकता दी गई थी। लॉकडाउन 4 में छोटे बच्चों का घर से निकलना निषेध रखा है। मगर आपको जो फोटो दिख रही है वो सब कुछ बयान करता है कि शराब के ठेके वाले सरकार की एडवाइजरी की कितनी पालना करते हैं यह ठेका शहर के गीता आश्रम से आगे ग्रामीण बस स्टैंड के पास है।
जंहा ठेके पर छोटे बच्चे शराब लेने के लिए खड़े हैं। सोशल डिस्टेसिंग को छोड़ दे तो मासूम बच्चों को ठेके पर बच्चों को शराब बेचना भी गैर कानूनी है। क्या इस मामले पर बाल कल्याण समिति प्रसंज्ञान लेगी?
गौरतलब है कि शराब के ठेकेदारों के हौंसले ठेकों के प्रति स्थानीय पुलिस का ढीला ढाला रवैया ज्यादा जिम्मेदार है। समय अवधि के बाद शटर के नीचे से शराब बिक्री आम है। अमूमन हर एक ठेके पर यह दृश्य देखने को मिल जाएगा।
स्थानीय पुलिस विभाग को ठेकों के प्रति संख्त रवैया अपना सरकार की एडवाइजरी की पालना प्राथमिकता से करवानी चाहिए।
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