राज्यपाल कलराज मिश्र ने इस अवसर पर कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय के जीवन, रहन-सहन और सोच के बारे में जितनी गहराई में जाते हैं, उतना ही नया सीखने का अवसर मिलता है। दीनदयाल जी का व्यक्तित्व जितना विराट था, उनका जीवन उतना ही सादगी भरा था।
राज्यपाल कलराज ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय के जीवन के आरम्भिक वर्ष धानक्या सहित राजस्थान के विभिन्न स्थानों पर बीते थे। इसलिए दीनदयाल जी पर आधारित पुस्तकों का राजस्थान में लोकार्पण करना उनके लिए सौभाग्य की बात है। राज्यपाल श्री मिश्र ने इस मौके पर पं. दीनदयाल उपाध्याय के साथ बिताए पलों के संस्मरण भी साझा किए।
इस अवसर पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. कौशल किशोर मिश्र, राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत एवं पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति समारोह समिति के अध्यक्ष प्रो. मोहनलाल छींपा, राज्यपाल के प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्द राम जायसवाल सहित प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे।
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